मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि भारत का संविधान हर नागरिक के लिए पवित्र ग्रंथ है, जो हमें गरिमापूर्ण जीवन का अधिकार देता है। हमारा विशाल लोकतंत्र संविधान की मजबूत नींव पर खड़ा है और बाबा साहब इस ग्रंथ के शिल्पकार थे। प्रधानमंत्री ने उनके जीवन से
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तेलीबांधा तालाब से ‘जय भीम पदयात्रा’ का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश के मऊ में जन्म लेकर कठिन संघर्षों के बाद बाबा साहब ने उच्च शिक्षा प्राप्त की और भारत जैसे विशाल लोकतंत्र को एक समावेशी और शक्तिशाली संविधान दिया। कैबिनेट मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि डॉ. भीमराव अंबेडकर का पूरा जीवन प्रेरणादायी है। इस अवसर पर विधायक पुरंदर मिश्रा, खुशवंत साहेब, अनुज शर्मा, मोतीलाल साहू सहित अन्य मौजूद थे।
समाज में विशिष्ट योगदान देने वाले युवाओं का सम्मान पदयात्रा के अंतिम पड़ाव में अंबेडकर चौक स्थित बाबा साहब की प्रतिमा पर मुख्यमंत्री ने माल्यार्पण किया। उन्होंने युवाओं के साथ संविधान की प्रस्तावना का वाचन किया और प्रिएम्बल वाल पर अपने हस्ताक्षर किए। सीएम ने समाज में विशिष्ट योगदान देने वाले युवाओं को मुख्य मंच से सम्मानित किया। ‘जय भीम पदयात्रा’ का आयोजन खेल विभाग और नेहरू युवा केंद्र संगठन के संयुक्त तत्वावधान में किया गया था।
जय भीम पदयात्रा भाजपा का राजनैतिक पाखंड : कांग्रेस
भाजपा द्वारा “जय भीम पदयात्रा’ और ‘अंबेडकर जयंती अभियान’ को राजनैतिक नौटंकी करार देते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा कि यह पूरा कार्यक्रम भाजपा का राजनैतिक पाखंड है। असलियत यह है कि संघी भाजपाइयों के मन में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर, संविधान और दलितों के प्रति नफरत है।
इन्हीं के पूर्वज आरएसएस और महासभा ने बाबा साहब के पुतले जलाए। 12 दिसंबर 1949 को घटित संघीयों का कुकृत्य इतिहास के पन्नों में दर्ज है। संघीयों ने न केवल बाबा साहब के पुतले जलाए बल्कि संविधान की प्रतियां भी जलाई, तिरंगे को अपशगुन बताकर अपमानित किया।