बैठक में हिस्सा लेते कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक।
भारतीय विश्वविद्यालयों में जर्मनी के शीर्ष विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर कार्य करने की संस्कृति विकसित की जाएगी। साथ ही बेहतरीन संस्थानों के साथ MOU भी साइन किए जाएंगे। इससे दोनों देशों के विश्वविद्यालयों में अध्ययनरत स्टूडेंट्स ग्लोबल लेवल पर अपनी उप
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जर्मनी के विश्वविद्यालय संग करेंगे MOU
जर्मनी के विश्वविद्यालयों का करेंगे दौरा
प्रो. पाठक भारतीय विश्वविद्यालय संघ (एआईयू) और DAAD (जर्मन शैक्षणिक विनिमय सेवा) के साझा प्रयासों से किए जा रहे इस आयोजन में शिरकत करने जर्मनी पहुंचे हुए हैं। DAAD की तरफ से किए जा रहे इस आयोजन के तहत प्रो पाठक संग भारतीय प्रतिनिधिमंडल यूनिवर्सिटी ऑफ बॉन, यूनिवर्सिटी ऑफ बर्लिन समेत जर्मनी की विश्व स्तरीय यूनिवर्सिटीज का दौरा करेंगे।
प्रो. पाठक ने बताया कि जर्मनी के विश्वविद्यालयों में जो नवाचार और अनुसंधान पर नवीनतम कार्य किए जा रहे हैं उस प्रकार का माहौल भारतीय विश्वविद्यालयों में भी स्थापित किए जाने की पूरी संभावना है। ग्लोबल लेवल पर जो संस्थान अपने रिसर्च से नए कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं, हमें भी उसी प्रकार की कार्य संस्कृति विकसित करनी होगी।
MOU भी करेंगे साइन
भारतीय ज्ञान-विज्ञान परंपरा के साथ-साथ हमारे विश्वविद्यलयों के नए प्रकल्प जर्मनी के विश्वविद्यलयों में भी दिलचस्पी पैदा कर रहे हैं। इसलिए भविष्य में इस दिशा में दोनों देशों के विश्वविद्यालय साथ मिलकर कार्य करने के लिए एमओयू भी साइन करेंगे।

रिसर्च एक्सिलेंस का बनेगा केंद्र।
इनोवेशन और रिसर्च एक्सिलेंस का बनेगा केंद्र सीएसजेएमयू समेत भारतीय यूनिवर्सिटीज में इनोवेशन और रिसर्च एक्सिलेंस की विश्वस्तरीय अनुसंधान कार्य प्रणाली विकसित करने पर बल दिया जाएगा। इसके लिए जर्मनी के टॉप संस्थानों के साथ ऐसे विषयों में अनुसंधान की कार्य योजना बनाई जाएगी जो दोनों देशों के छात्रों और शोधकर्ताओं को बेहतर अवसर मुहैया कराएंगे।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल में कुलपति प्रो विनय कुमार पाठक संग एआईसीटीई, डीएसटी, सीएसआईआर, आईसीएमआर, आईसीएआर के पदाधिकारी भी शामिल हुए हैं।