हाईकोर्ट से आदेश मिलने के बाद BRTS (बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) हटाने का काम शुरू किया जा चुका है। शिवाजी वाटिका और जीपीओ चौराहे के समीप से BRTS की रेलिंग और सीमेंट के छोटे डिवाइडर्स को हटाया जा रहा है। हालांकि 11.2 किमी लंबे BRTS को पूरा हटाने में 6 स
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अब इसे हटाने किए टैंडर जारी किए जाएंगे, जिसके बाद इसका काम शुरू हो सकेगा। टैंडर प्रक्रिया में भी अभी हफ्तेभर का समय लगेगा।
AICTSL के सीईओ दिव्यांक सिंह ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश आने के बाद BRTS को तोड़ने का काम शुरू कर दिया गया है। BRTS की लंबाई 11.2 किमी है। इसमें हार्डवेयर और साफ्टवेयर दोनों है। जिसे हम नहीं तोड़ पाएंगे। इसके लिए टैंडर किया जाएगा। इसके टैंडर को लेकर काम शुरू कर दिया गया है। अलग-अलग चरणों में इसे तोड़ने का काम किया जाएगा। इसमें 6 से 7 महीने का समय लगेगा।
उन्होंने बताया कि ट्रैफिक की स्थिति को देखते हुए कुछ जगह हमने BRTS को तोड़ने का काम किया है। जीपीओ चौराहे के पास और शिवाजी वाटिका पर ट्रैफिक की स्थिति को देखते हुए BRTS को तोड़ा गया है। यहां से रेलिंग को तोड़ने का काम किया गया है।
हफ्तेभर का लगेगा समय
दिव्यांक सिंह ने बताया कि टैंडर के काम के लिए हफ्तेभर का समय लगेगा। इसके बाद एक महीने में टैंडर जारी कर दिए जाएंगे। इस प्रक्रिया के पहले एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया पूरी की जाना है। जिसमें करीब हफ्तेभर का समय लगेगा। संभवत: सोमवार से ये प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
आदेश मिलने के बाद BRTS को हटाने की कार्रवाई की गई।
प्रॉपर्टी का कराया जाएगा सर्वे
दिव्यांक सिंह ने बताया कि टैंडर प्रक्रिया के पहले बेसिक सर्वे कराया जाएगा कि प्रॉपर्टी का कॉस्ट कितना है। यह सर्वे टैंडर प्रक्रिया का हिस्सा है। संभवत: बुधवार तक एस्टीमेशन आ जाएगा। संभवत: सोमवार से यह सर्वे शुरू हो सकता है।
गवर्नमेंट ऑफ इंडिया की तरफ से स्क्रेप के लिए कुछ एजेंसी नॉमिनेट होती है, जो एस्टीमेशन करती है। उनसे हम सीधे एस्टीमेशन कराया जाएगा। इसके लिए हमने संबंधित एजेंसी को मेल कर दिया है। एक हफ्ते में एस्टीमेशन का काम हो जाएगा। दो हफ्ते में टैंडर फ्लोट कर दिया जाएगा। 6-7 महीने का समय BRTS को हटाने में लगेगा।