कोरबा में मानसून की एंट्री के साथ घंटे भर तक जमकर बारिश हुई।
आज मानसून पूरे छत्तीसगढ़ को कवर कर सकता है। मंगलवार को 75% हिस्सों में पहुंचा था। इस बीच मौसम विभाग ने उत्तरी हिस्से में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। 6 जिलों में भारी बारिश और बिजली गिरने का ऑरेंज अलर्ट है। इन छह जिलों में मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरत
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वहीं रायपुर-दुर्ग समेत 19 जिलों में गरज चमक के साथ बिजली गिरने का यलो अलर्ट है। बाकी बचे अन्य जिलों में सिर्फ बिजली गिरने का यलो अलर्ट जारी है। बारिश के चलते प्रदेश के औसत तापमान में भी 4-5 डिग्री की गिरावट आई है। प्रदेश में सोमवार को 37.4°C डिग्री सेल्सियस के दुर्ग सबसे गर्म रहा।
दो इमेज से समझिए मानसून की रफ्तार

मानसून की ये स्थिति मंगलवार की है। 75% हिस्से को कवर चुका है।

मानसून की ये स्थिति सोमवार की है। 40% हिस्से तक ही पहुंचा था।
पिछले 24 घंटे में 20 मिमी औसत बारिश
एक दिन पहले ही कोरबा और रायगढ़ में दोपहर के बाद झमाझम बारिश हुई थी। पिछले 25 दिनों से बस्तर में अटका मानसून रायपुर से होते हुए सरगुजा पहुंचा। वहीं प्रदेश में पिछले 24 घंटों की बात करें तो प्रदेश के 13 से ज्यादा जिलों के 70 जगहों पर बारिश हुई है। राज्य में 20.86 मिमी औसत बारिश दर्ज की गई है।

बारिश की तस्वीरें देखिए

कोरबा में दोपहर के बाद घंटे भर बारिश हुई।

सरगुजा संभाग में मानसून दस्तक दे चुका है। दोपहर को जमकर बादल बरसे।

रायगढ़ में दोपहर के बाद मौसम बदला और तेज बारिश हुई।
16 दिन पहले आ गया था मानसून
इससे पहले छत्तीसगढ़ में नौतपे के बीच मानसून की एंट्री हो गई थी। प्रदेश में मानसून के पहुंचने की नॉर्मल डेट 13 जून है। लेकिन इस बार 16 दिन पहले ही मानसून ने दस्तक दे दी थी।
वहीं 64 साल के इतिहास में ये पहली बार है, जब मानसून मई माह में छत्तीसगढ़ पहुंचा था। इससे पहले साल 1971 में 1 जून को मानसून पहुंचा था

जून में अब तक सामान्य से कम बारिश
अब तक की बात करें तो जून में 33 में से 27 जिले (लगभग 82%) में बारिश सामान्य से कम रही है। सिर्फ 6 जिलों में बारिश सामान्य या उससे अधिक रही है। पूरे राज्य में औसतन 51% वर्षा की कमी है, जो सामान्य से कम मानी जाती है। इस समय मानसून की स्थिति कमजोर है और स्थिति यही रही, तो खरीफ फसलों पर असर पड़ सकता है।

हालांकि मौसम विभाग की माने तो जून का ट्रेंड यही रहा है। शुरुआती 10 से 12 दिन गर्मी बढ़ती है। इसके बाद बंगाल की खाड़ी या अरब सागर में बनने वाले लो प्रेशर एरिया या चक्रवातों के चलते मानसून सक्रिय हो जाता है। इस बार भी ऐसा ही हो रहा है।

पिछले साल के मुकाबले स्थिति बेहतर
हालांकि इस बार की स्थित पिछले साल के मुकाबले बेहतर है। साल 2024 में जून का अधिकतम तापमान 45.7°C था, जो 1 जून को दर्ज किया गया था। जबकि इस साल अधिकतम तापमान अब तक 42 से 43°C के आस-पास ही रहा है। वहीं सबसे कम न्यूनतम तापमान 23.5°C 19 जून को रिकॉर्ड किया गया था।
पिछले साल जून में पूरे महीने के औसत तापमान की बात करें तो 38.6°C रहा था। वहीं न्यूनतम औसतन तापमान 27.7°C दर्ज किया गया था।

मई में 374 फीसदी ज्यादा बारिश हुई थी
पिछले माह लगातार बने सिस्टम और करीब 14 दिन पहले आए मानसून ने पूरे छत्तीसगढ़ में मई महीने में जमकर बारिश कराई। इस दौरान औसत से 373 फीसदी ज्यादा पानी गिर गया। इसके बाद से मानसून पिछले करीब 12 दिनों से ठहरा है। यह आगे ही नहीं बढ़ रहा है।
छत्तीसगढ़ में 22 मई से 28 मई के बीच 53.51 मिलीमीटर औसत बारिश हो चुकी है। प्रदेश में मानसून में औसतन 1200 मिलीमीटर पानी बरसता है। पिछले साल 1276.3 MM पानी गिरा था।
प्रदेश के बदलते तापमान को दो इंफोग्राफिक से समझिए



गरज-चमक, बिजली और ओले गिरने के दौरान इन बातों का रखें ध्यान
- गड़गड़ाहट सुनने के बाद घर के अंदर जाए या सुरक्षित पक्के आश्रय में रहें ।
- अगर कोई आश्रय उपलब्ध नहीं है तो तुरंत उखडू बैठ जाएं।
- पेड़ों के नीचे न ठहरें।
- बिजली लाइन से दूर रहें।
- इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग न करें।

लंबा रह सकता है मानसून
मानसून के केरल पहुंचने की सामान्य तारीख 1 जून है। इस साल 8 दिन पहले यानी 24 मई को ही केरल पहुंच गया। मानसून के लौटने की सामान्य तारीख 15 अक्टूबर है। अगर इस साल अपने नियम समय पर ही लौटता है तो मानसून की अवधि 145 दिन रहेगी।
इस बीच मानसून ब्रेक की स्थिति ना हो तो जल्दी आने का फायदा मिलता सकता है।