इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस शेखर कुमार यादव के एक बयान पर इन दिनों हंगामा मचा है। जस्टिस शेखर यादव के विश्व हिन्दू परिषद लीगल सेल की सभा में दिए गए बयान का जबरदस्त विरोध हो रहा है। हालांकि इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व जज न्यायमूर्ति राजाराम यादव ने जस्
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जस्टिस राजाराम यादव ( रिटायर ) इलाहाबाद हाईकोर्ट तथा राजस्थान हाईकोर्ट में भी जज रह चुके हैं। इन्होंने कई ऐतिहासिक फैसले दिए हैं। इनके प्रमुख निर्णय में वकीलों को धोती पहनकर कोर्ट में पेश होने का एक महत्वपूर्ण निर्णय था। पूर्व जज ने हाईकोर्ट जज शेखर कुमार यादव के भाषण का बचाव करते हुए कहा कि उनके भाषण को लेकर राजनैतिक दलों से जुड़े अधिवक्ता व नेता अनावश्यक तूल दे रहे हैं। जबकि भाषण में तूल देने वाली कोई बात नहीं है। उनका भाषण संवैधानिक मर्यादा के अंदर है।
वहीं जस्टिस यादव के बयान का समर्थन करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के ऐतिहासिक हाल में वकीलों ने एक सभा की। इसमें समाजवादी पार्टी के समर्थन से राज्य सभा सांसद व सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता कपिल सिब्बल समेत अन्य राजनीतिक दलों द्वारा हाईकोर्ट जज के वक्तव्य को अनावश्यक तूल देने पर नाराजगी जताई। वकीलों का कहना है कि हाईकोर्ट के सिटिंग जज के खिलाफ सांसद कपिल सिब्बल की अनर्गल बयानबाजी न्यायपालिका को कमजोर करने वाली है।
वकीलों का कहना है कि जज द्वारा विधि प्रकोष्ठ की आयोजित संगोष्ठी में दिए गए भाषण के चुनिंदा अंश को प्रचारित किया जा रहा है। जबकि उनका पूरा भाषण सुना जाए तो उसमें ऐसी कोई बात नहीं कही गई है जो आपत्तिजनक या असंवैधानिक हो। अधिवक्ताओं का कहना है कि जस्टिस यादव एक ईमानदार व हाईकोर्ट के लोकप्रिय जज हैं।
बार एसोसिएशन में आयोजित सभा में शामिल वकीलों में चन्द्र शेखर अग्निहोत्री, रोहित वर्मा, आलोक कुमार यादव, विधान चंद्र राय, विनोद सिंह, ओम आनंद, अखिलेश कुमार, अमर सिंह, चरन सिंह, राहुल पांडे, आशुतोष त्रिपाठी, वशिष्ठ दूबे, राजेश कुमार, विक्रम बहादुर संजय कुमार, आशुतोष द्विवेदी हरिश्चंद्र पांडेय आदि मौजूद रहे।