सहरसा मे जदयू के प्रदेश प्रवक्ता मनीष यादव शुक्रवार शाम पहुंचे, जहां उन्होंने सर्किट हाउस में एनडीए के बैनर तले प्रेसवार्ता की। इस मौके पर एनडीए के तमाम जिला स्तरीय अध्यक्ष भी मौजूद रहे। प्रेसवार्ता में मनीष यादव ने कहा, “माल महाराज का मिर्जा खेले हो
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कांग्रेस और आरजेडी पर निशाना साधते हुए यादव ने कहा कि राहुल गांधी दावा कर रहे हैं कि उनके दबाव में केंद्र सरकार ने यह फैसला लिया, वहीं तेजस्वी यादव कह रहे हैं कि उन्होंने इसकी मांग की थी। लेकिन सच्चाई यह है कि जातिगत जनगणना का पहला फैसला बिहार में एनडीए सरकार ने लिया था, जब तेजस्वी खुद नेता प्रतिपक्ष थे। उस वक्त तेजस्वी ‘सहवाला’ की भूमिका में थे और ‘दूल्हा’ नीतीश कुमार थे।
40 साल में नहीं की पहल
उन्होंने कांग्रेस पर भी तीखा हमला करते हुए कहा कि जिस पार्टी ने आजादी के बाद 40 साल तक देश में राज किया, उसने कभी जातिगत जनगणना कराने की पहल क्यों नहीं की? उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस हमेशा से पिछड़ा विरोधी रही है। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि मंडल आयोग का गठन 1979 में कांग्रेस सरकार ने किया, रिपोर्ट 1980 में आई, लेकिन उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। बाद में जब वी.पी. सिंह की सरकार बनी, तब जाकर मंडल आयोग की रिपोर्ट लागू की गई। इसके अलावा कई आरोप विपक्ष के नेताओं पर लगाया।