कथा के दौरान भोग प्रसाद वितरित किया गया
जानकीपुरम विस्तार में श्रीराम कथा: सेवा भाव का महत्व उजागर
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जानकीपुरम विस्तार, सेक्टर-5 के पानी की टंकी पार्क में तीन दिवसीय श्रीराम कथा के दूसरे दिन डा. अनिरुद्ध महाराज (श्रीधाम वृंदावन) ने सेवा भाव के महत्व पर प्रकाश डाला। कथा में भगवान श्रीराम और उनके भक्तों की सेवा भावना के प्रेरणादायक प्रसंग सुनाए गए।
सेवा भाव का प्रसंग
महाराज ने होली की भेट का मार्मिक वर्णन करते हुए बताया कि लक्ष्मण ने मां सीता से भगवान श्रीराम की चरण सेवा का वरदान मांगा। इसे सुनकर मां सीता मूर्छित हो गईं। जब भगवान राम ने लक्ष्मण से पूछा कि उन्होंने ऐसा क्या मांग लिया, तो लक्ष्मण ने बताया कि उन्होंने चरण सेवा का वर मांगा। यह सुनकर भगवान श्रीराम मुस्कुरा दिए और लक्ष्मण की सेवा भावना को सराहा।
केवट प्रसंग: कथा में केवट और भगवान श्रीराम के बीच का प्रसंग भी सुनाया गया। महाराज ने बताया कि कैसे केवट ने नदी पार कराने के बदले में केवल भगवान श्रीराम के चरण धोने का अवसर मांगा। अपनी निःस्वार्थ सेवा भावना से केवट ने वह सब प्राप्त कर लिया जो अमूल्य था।
श्रद्धालुओं में सेवा का संदेश
कथा के माध्यम से डा. अनिरुद्ध महाराज ने सेवा भाव को जीवन का प्रमुख आदर्श बताते हुए कहा, “सेवा में ही सच्चा सुख और आध्यात्मिकता है। निःस्वार्थ भाव से की गई सेवा हमें परमात्मा के और करीब ले जाती है।”
कथा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे और सेवा के इस भाव को आत्मसात किया। आयोजन स्थल पर श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्था की गई थी।
श्रीराम कथा के माध्यम से समाज में निःस्वार्थ सेवा और समर्पण का संदेश दिया जा रहा है।