जालंधर पहुंचे खालिस्तान समर्थक सांसद अमृतपाल सिंह के पिता मीडिया से बातचीत करते हुए।
खालिस्तानी संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख और खडूर साहिब से सांसद अमृतपाल सिंह के 7 साथियों को पंजाब लाए जाने की खबरों के बीच उनका परिवार आज यानी सोमवार को जालंधर पहुंचा। जालंधर के नौवीं पातशाही गुरुद्वारा साहिब में पहुंचे अमृतपाल के पिता तरसेम सिंह
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आज जालंधर में हमने पार्टी के नेताओं और पदाधिकारियों के साथ मीटिंग की है। इस दौरान हमने जालंधर में पार्टी ने चरणजीत सिंह भिंडर को ऑबजर्वर लगाया है। साथ ही पांच पांच लोगों को जालंधर देहाती और शहर की जिम्मेदारी दी गई है। जोकि पार्टी के मेंबर के तौर पर काम करेंगे और जिले के रुझानों की रिपोर्ट तैयार करेंगे। अब हम गांव, पंचायत और हलकों में भी ऐसे ही मेंबर बनाएंगे। सभी में पांच पांच मेंबर रखे जाएंगे।
तरसेम सिंह बोले- धर्म के आधार पर पार्टी में कोई विंग नहीं बनेगा
आगे उन्होंने कहा- अकाली दल वारिस पंजाब दे पार्टी हर उस व्यक्ति की पार्टी है, जो कि पंजाब का हित चाहता है। युवाओं के लिए आईटी सेल सहित अन्य विंग भी बनाए जाएंगे। हमारी पार्टी में सिर्फ भी धर्म के लिए अलग से कोई विंग नहीं बनाया जाएगा। हर धर्म के लोग हमारी पार्टी के साथ जुड़ सकेंगे और पार्टी का हिस्सा बनकर रह सकेंगे। इस पर लोग हमेशा निश्चिंत रहें।
अमृतपाल सिंह के पिता तरसेम सिंह ने आगे कहा- अकाली दल वारिस पंजाब दे पार्टी पंजाब के हकों की बात करती है, ना कि अपने निजी मसलों की। ऐसे में पंजाब में पंजाब की ही पार्टी रहना जरूरी है। हम अपने लोगों को अपील करते हैं कि धर्म जात से ऊपर उठाकर हमें पंजाब की क्षेत्रीय पार्टी को ही वोट देकर जिताना चाहिए। ऐसे हम इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि लोगों ने हमें भारी समर्थन दिया है।
खालिस्तान समर्थक सांसद अमृतपाल सिंह (फाइल फोटो)
तरसेम सिंह ने जत्थेदार की नियुक्ति पर उठाए सवाल
अमृतपाल सिंह के पिता तरसेम सिंह ने आगे कहा- पंजाब का पैसा लूट कर अन्य राज्यों में लगाया जा रहा है। वहीं, जत्थेदारों की नियुक्ति का मामले में देश विदेश के सभी जत्थेदारों को एक साथ मिलकर इस पर फैसला लेना चाहिए। जिससे तख्त की मान मर्यादा बनी रहे। ये पहली बार नहीं है कि ऐसा हुआ है। इससे पहले भी कई बार ऐसा हो चुकी है। इसका सिर्फ एक ही हल है कि हमें एक साथ आना होगा।
अमृतपाल सिंह के पिता तरसेम सिंह ने कहा- अमृतपाल पर लगाई गए NSA लगाया जाना ही गलत था। दो साल तक एनएसए के तहत जेल में भेजा गया। तीसरे साल में बढ़ाई नहीं जा सकती, इसलिए एनएसए नहीं बढ़ाया गया। मगर सरकार कोई भी मौका नहीं छोड़ती