दिग्वेश राठी नॉन स्ट्राइक छोर पर जितेश शर्मा को मांकड़ रन आउट करने का प्रयास करते हुए।
आईपीएल 2025 के सीजन में अंपायर्स के कुछ फैसलों को लेकर लीग स्टेज के मुकाबलों में काफी विवादास्पद स्थिति देखने को मिली है। लखनऊ सुपर जाएंट्स और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु टीम के बीच खेले गए इस सीजन के आखिरी लीग मुकाबले में भी जितेश शर्मा को जब थर्ड अंपायर ने मांकड़ रन आउट की अपील पर नॉट आउट करार दिया, जिसे नियमों के अनुसार आउट दिया जाना चाहिए था। इकाना स्टेडियम में खेले गए दोनों टीमों के बीच इस मैच में लखनऊ की टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए आरसीबी को 228 रनों का टारगेट दिया था, जिसके बाद आरसीबी ने 18.4 ओवर्स में ही मैच को अपने नाम कर लिया और क्वालीफायर-1 के लिए भी अपनी जगह पक्की की।
दिग्वेश राठी की अपील पर थर्ड अंपायर के पास पहुंचा फैसला
आरसीबी की टीम जब टारगेट का पीछा कर रही थी तो उसमें 17वें ओवर की गेंदबाजी लखनऊ की तरफ से दिग्वेश राठी कर रहे थे, जिसमें उन्होंने अपने ओवर की आखिरी गेंद पर जितेश शर्मा को मांकड़ रन आउट करने का प्रयास किया। दिग्वेश काफी देर से जितेश शर्मा को गेंद फेंकने से पहले ही क्रीज छोड़कर आगे निकलते हुए देख रहे थे, जिसके बाद उन्होंने आखिरी गेंद पर उन्हें मांकड़ रन आउट करने का प्रयास किया। फील्ड अंपायर माइकल गॉफ ने दिग्वेश राठी की इस अपील को थर्ड अंपायर उल्हास गांधी को जिम्मेदारी सौंप दी। थर्ड अंपायर गांधे ने जब इस रिप्ले को देखा उस समय उन्होंने कहा कि दिग्वेश राठी ने अपनी डिलीवरी स्ट्राइड पूरी कर ली है और वह पॉपिंग क्रीज से आगे निकल गया। इन्हीं सारी चीजों को ध्यान में रखते हुए थर्ड अंपायर ने फैसला बल्लेबाज के पक्ष में सुनाया।
वहीं इसी दौरान लखनऊ सुपर जाएंट्स टीम के कप्तान ऋषभ पंत ने फील्ड अंपायर से बात करके अपनी अपील को भी वापस ले लिया था। अब आईपीएल रूल बुक और एमसीसी के नियमों के अनुसार बात की जाए तो इस अपील पर जितेश शर्मा को आउट दिया जाना चाहिए था, क्योंकि दिग्वेश राठी अपने गेंदबाजी एक्शन के दौरान 2 बार हाथ घुमाते हैं और उन्होंने अपने एक्शन को पूरा भी नहीं किया था।
आईपीएल 2025 नियम 38.3.1 के अनुसार
यदि नॉन स्ट्राइकर गेंद के खेल में आने के समय से लेकर उस पल तक किसी भी समय अपनी क्रीज से बाहर रहता है, जब गेंदबाज से सामान्य रूप से गेंद छोड़ने की अपेक्षा की जाती है, तो नॉन-स्ट्राइकर को गेंदबाज द्वारा रन आउट करने के प्रयास के कारण रन आउट घोषित किया जा सकता है। इस हालात में, नॉन-स्ट्राइकर को रन आउट घोषित किया जाएगा यदि वह अपने ग्राउंड से बाहर है, जब गेंदबाज द्वारा गेंद को विकेट पर फेंकने या गेंदबाज के हाथ से गेंद को पकड़ने के कारण उसे रन आउट किया जाता है चाहे गेंद बाद में डाली गई हो या नहीं।
MCC के क्रिकेट नियम धारा 38.3.1.1
वह पल जब गेंदबाज से सामान्य रूप से गेंद छोड़ने की अपेक्षा की जाती है, उसे उस क्षण के रूप में परिभाषित किया जाता है जब गेंदबाज का हाथ डिलीवरी स्विंग में गेंद को छोड़ते समय हो और उस समय वह नॉन स्ट्राइकर को रन आउट करता है तो उसे आउट करार दिया जाएगा। ऐसे में दिग्वेश राठी की अपील को लेकर बात की जाए तो वह गेंद को रिलीज करने की अपने अहम प्वाइंट पर नहीं पहुंचे थे जिसमें उन्होंने अपने हाथ को एकबार ही घुमाने के बाद आउट करने का प्रयास किया था और पॉपिंग क्रीज की इसमें कोई भूमिका नहीं थी। हालांकि ऋषभ पंत के अपील को वापस लेने से इस पूरे विवाद पर अधिक चर्चा देखने को नहीं मिल रही है। वहीं पूर्व अंपायर अनिल चौधरी ने भी इस मांकड़ रन आउट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
ये भी पढ़ें
मिचेल मार्श ने रचा इतिहास, केएल राहुल का रिकॉर्ड कर दिया ध्वस्त, बने चौथे कंगारू बल्लेबाज
IND vs ENG टेस्ट सीरीज से पहले BCCI का बड़ा फैसला, टीम इंडिया में इस कोच की फिर से हुई वापसी
Latest Cricket News