ठेकेदार पर सैलरी मांगने पर नौकरी से निकालने की धमकी देने का आरोप लगाया गया।
सीहोर जिला अस्पताल में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारियों को पिछले तीन महीने से वेतन नहीं मिला है। इनमें सुरक्षा गार्ड, सहायक स्टाफ, वार्ड बॉय और सफाई कर्मी शामिल हैं।
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दो दर्जन से ज्यादा सुरक्षा गार्डों ने वेतन की मांग को लेकर सिविल सर्जन और अन्य अधिकारियों से कई बार शिकायत की है। कर्मचारियों ने कलेक्टर की जन सुनवाई में भी आवेदन दिया, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ। सुरक्षा गार्ड संजू मालवीय के अनुसार, ठेकेदार न तो फोन उठाता है और न ही पीएफ की राशि खातों में जमा करता है। कर्मचारियों को नौकरी से निकालने की धमकी दी जाती है।
महिला सुरक्षाकर्मी प्रिया विश्वकर्मा ने बताया कि चार महीने से वेतन समय पर नहीं मिल रहा है। वेतन की मांग पर उन्हें नौकरी से हटा दिया गया। इस दौरान आउटसोर्स एजेंसी भी बदल चुकी है। अस्पताल प्रबंधन और प्रशासनिक अधिकारी कर्मचारियों की समस्या का समाधान करने में विफल रहे हैं। सिविल सर्जन डॉक्टर प्रवीर गुप्ता ने कहा है कि मामले में नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
सुरक्षा गार्ड, सहायक स्टाफ, वार्ड बॉय और सफाई कर्मी को तीन महीने से वेतन नहीं मिला है।