जिले में प्रॉपर्टी की गाइडलाइन 1 अप्रैल से बढ़ेगी, लेकिन इसमें बढ़ोतरी का निर्धारण शनिवार को होने वाली जिला मूल्यांकन समिति की बैठक में होगा। नवंबर में प्रस्तावित बढ़ोतरी नहीं हो सकी थी। ऐसे में माना जा रहा है कि यह पिछले चार-पांच साल में सबसे ज्यादा बढ़
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जिले में पिछले साल तक कुल 5 हजार से ज्यादा लोकेशन/कॉलोनी थीं। विभाग ने इनमें दो नाम वाले और डबल इंट्री की लोकेशन हटाकर इनकी संख्या 4650 के करीब कर दी है। इनमें से करीब 3100 लोकेशन पर यह बढ़ोतरी प्रस्तावित की जा रही है। जिला मूल्यांकन समिति की बैठक शनिवार को कलेक्टर आशीष सिंह की अध्यक्षता में होगी।
- 3100 के करीब लोकेशन पर यह बढ़ोतरी प्रस्तावित की जा रही है।
- 01 अप्रैल से होगी बढ़ोतरी, यह पांच साल में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी वाली होगी
500 नई कॉलोनियां/लोकेशन पहली बार जुड़ेंगी
सूत्रों के मुताबिक नई गाइडलाइन में 500 नई कॉलोनियां या लोकेशन पहली बार जुड़ेंगी। ये वे कॉलोनियां हैं, जो पिछले एक साल में बनकर तैयार हुई हैं या अब तक इनका नाम गाइडलाइन की लिस्ट में नहीं था। सूत्रों के मुताबिक जहां दोगुना (100 प्रतिशत से ज्यादा वृद्धि) तक गाइडलाइन बढ़ने का प्रस्ताव बन रहा है, उसमें आईटी पार्क चौराहा रिंगरोड से तेजाजी नगर बायपास, उमरियाखेड़ी खंडवा रोड, सोनवाय में नए राष्ट्रीय राजमार्ग-बायपास रिंगरोड घोषित होने के कारण बिचौली हब्सी में (नए एनएचएआई के कारण) इस बार गाइडलाइन बढ़ेगी।
इसी तरह शहरी सीमा से लगे गांव जहां से अलग-अलग तरह की सड़कें प्रस्तावित हैं, इन गांवों में खेती की जमीन भी अब सरकारी रिकॉर्ड में महंगी होगी। इन गांवों में कलारिया, गुर्दाखेड़ी, बांक, सिंदोड़ा, एयरपोर्ट रोड से लगे सभी प्लॉट, बिल्डिंग, ग्राम सोनगीर, हिंगोनिया खुर्द, नरलाय, टिगरिया बादशाह, कलारिया-धार रोड, भैंसलाय, बिसनावदा, कुमावत मोहल्ला-हातोद, पांडा-राऊ, लिंबोदागारी भी शामिल है।
पिछले साल की तुलना में आय में कमी आई
रियल एस्टेट में मंदी कहें या मास्टर प्लान की सुगबुगाहट, शहर और जिले में पिछले साल की अपेक्षा इस बार पंजीयन विभाग की आय कम हुई है। साल 2024-25 के लिए विभाग का लक्ष्य 3077 करोड़ रुपए था। 12 मार्च तक की स्थिति में 2175 करोड़ की आय ही पंजीयन और स्टाम्प ड्यूटी से विभाग को हुई है।
इसी तरह अब तक 1.67 लाख दस्तावेज पंजीबद्ध हुए हैं। पिछले साल विभाग की आय 2414 करोड़ थी। मार्च की बात करें तो साल 2024 मार्च में विभाग की आय 360 करोड़ रुपए थी, जो इस साल अब तक 100 करोड़ पर ही पहुंची है।