अन्य राज्यों की तरह छत्तीसगढ़ सरकार भी युक्तियुक्तकरण के तहत कम दर्ज संख्या वाले स्कूलों को बंद करने की तैयारी में थी। सरकार ने बेहतर शिक्षा के लिए यह योजना लाई थी, लेकिन शिक्षक संगठनों के विरोध के चलते ऐसा नहीं हो पाया। अब इसका असर परीक्षा के दौरान
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हर प्राथमिक शाला को परीक्षा केंद्र बनाया गया है। जिले की 1608 प्राथमिक शालाओं में से 408 ऐसी हैं जहां पांचवी में बच्चों की दर्ज 1 से लेकर 3 तक है। इनमें से 81 स्कूलें ऐसी है जहां परीक्षा देने पहुंच रहे एक छात्र के लिए केंद्राध्यक्ष समेत दो शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है।
कांकेर से सटे ग्राम पंचायत सिंगारभाट में एक दो नहीं चार-चार प्राथमिक शालाएं हैं। शासकीय नवीन प्राथमिक पाठशाला राईसमिलपारा सिंगारभाट में पहली से पांचवी तक छात्रों की दर्ज संख्या 9 है। यहां तीन शिक्षक तैनात हैं। यहां पांचवी में मात्र एक छात्र अध्ययनरत है, जो वर्तमान में परीक्षा देने स्कूल पहुंचता है।
पर्यवेक्षक के रूप में एक शिक्षिका व एक केंद्राध्यक्ष शिक्षक की यहां ड्यूटी लगाई जाती है। प्राथमिक शाला बड़ेपारा सिंगारभाट में मात्र 10 बच्चे है। पांचवी में अध्ययनरत दो छात्राएं परीक्षा दे रही हैं। इनके लिए भी दो शिक्षकों की ड्यूटी लगाई जाती है। प्राथमिक शाला खूंटापारा में दर्ज संख्या 30 है। पांचवी में 8 बच्चे हैं।
1. ग्राम पंचायत अंजनी के ईमलीपारा में एकमात्र छात्र दे रहा परीक्षा। 2. सिंगारभाट बड़ेपारा में दो छात्रों के लिए केंद्राध्यक्ष समेत दो शिक्षकाएं तैनात। 3. सिंगारभाट राईसमिलपारा स्कूल में पांचवी की एकमात्र छात्रा दे रही परीक्षा।