आश्रम में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने सैकड़ों आदिवासी लोगों का शुद्धिकरण कर उनका हिंदू धर्म में स्वागत किया।
झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम में द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य सदानंद सरस्वती ने एक बड़ी पहल की है। उन्होंने विश्व कल्याण आश्रम समीज में 150 आदिवासियों को सनातन धर्म में वापस लाया है।
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शंकराचार्य इन दिनों चाईबासा के आनंदपुर क्षेत्र में प्रवास पर हैं। वे विभिन्न गांवों में धर्म संचार सभाओं को संबोधित कर रहे हैं। आश्रम में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने सैकड़ों आदिवासी लोगों का शुद्धिकरण कर उनका हिंदू धर्म में स्वागत किया।
जबरन धर्म परिवर्तन न हो, इसके लिए उचित व्यवस्था की जाए: शंकराचार्य सदानंद सरस्वती
शंकराचार्य ने कहा कि क्षेत्र के कई आदिवासी अभाव और प्रलोभन के कारण दूसरे धर्म में चले गए थे। उन्होंने सरकार से मांग की कि आदिवासियों का जबरन धर्म परिवर्तन न हो, इसके लिए उचित व्यवस्था की जाए।
इस धर्म वापसी कार्यक्रम में आनंदपुर, मनोहरपुर, गोइलकेरा और गुदड़ी प्रखंड के 35 गांवों के लोग शामिल हुए। इनमें महिलाएं, पुरुष और बच्चे शामिल थे। सनातन धर्म में वापसी करने वाले लोगों ने कहा कि वे अब धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए दूसरों को भी जागरूक करेंगे।