CM योगी से जनता दरबार में मिली 5 साल की वाची को मुरादाबाद के सबसे महंगे स्कूल में एडमिशन मिल चुका है। मंगलवार को वह अपने पैरेंट्स के साथ स्कूल पहुंची तो उसके हाथ में मिठाई का डिब्बा था। स्कूल के गार्ड्स से लेकर स्टाफ तक उसने सभी काे मिठाई ऑफर की। बच्
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योगी के निर्देश के बाद वाची को आरटीई के तहत मुरादाबाद के CL गुप्ता वर्ल्ड स्कूल में फ्री एडमिशन मिला है। अब वाची अगले 8 साल तक इस स्कूल में पढ़ाई कर सकेगी। यह स्कूल मुरादाबाद के सबसे महंगे स्कूलों में शुमार है।
स्कूल में नर्सरी की सालाना फीस करीब 2-2.5 लाख रुपए है। पिता का कहना है कि 3 महीने पहले RTE की लॉटरी में बेटी को ये स्कूल आवंटित हुआ था, लेकिन एडमिशन नहीं मिला। इसी समस्या को लेकर वाची के साथ उसके पिता अमित कुमार सीएम के जनता दरबार में पहुंचे थे।
सबसे पहले वाची की फैमिली प्रोफाइल के बारे में आपको बताते हैं…
इस तस्वीर में एडमिशन पाने वाली वाची अपने माता-पिता के साथ दिख रही है।
मां का आईस्क्रीम पॉर्लर, पिता पेशे से ड्राइवर
5 साल की वाची परिवार के साथ मुरादाबाद के सिविल लाइंस एरिया की रामगंगा विहार कालोनी में रहती हैं। परिवार में माता-पिता और दादा के साथ ही एक छोटी बहन भी है। बच्ची के पिता अमित कुमार ने बताया कि मैं पेशे से ड्राइवर हूं।
उन्होंने कहा कि मेरी खुद की मिनी मैट्रो है, जिसे मैं शहर में चलाता हूं। मां प्राची ने बताया कि मैं रामगंगा विहार में ही अपना आईस्क्रीम पार्लर चलाती हूं। एक छोटी बेटी आची भी है, जिसकी उम्र करीब 3 साल है। 85 साल के ससुर अमरनाथ भी साथ में रहते हैं।
बच्ची के एडमिशन से पूरा परिवार खुश
वाची का एडमिशन उसके मनचाहे स्कूल में होने से उसका पूरा परिवार खुशी से झूम उठा। वह अपने पैरेंट्स के साथ मुरादाबाद के रामगंगा विहार स्थित सीएल गुप्ता वर्ल्ड स्कूल पहुंचीं। उसके हाथों में मिठाई का डिब्बा था। वाची ने स्कूल के गार्ड्स और स्टाफ को मिठाई खिलाई। पैरेंट्स ने स्कूल में जाकर बच्ची के एडमिशन की फॉर्मेलिटी पूरी कर दी है। अब वह 2 जुलाई से स्कूल पढ़ने के लिए जाएगी।

पिता अमित कुमार कहते हैं- आरटीई में पहले ही वाची का नाम आ गया था, मगर स्कूल ने एडमिशन नहीं लिया।
पिता बोले- 25 लाख का घाटा, इसलिए स्कूल ने एडमिशन नहीं लिया
बच्ची के पिता अमित कुमार ने कहा कि नियमानुसार तो बेटी को 3 महीने पहले ही स्कूल में एडमिशन मिल जाना चाहिए था, जब आरटीई की लॉटरी में उसका नाम आया था। लेकिन स्कूल ने बिना कारण बताए एडमिशन लेने से मना कर दिया।
अमित कहते हैं- हमने बार-बार संपर्क किया, लेकिन स्कूल ने एडमिशन नहीं लिया। ये महंगा स्कूल है, जिसकी सालाना फीस 2-2.5 लाख रुपए है। RTE के जरिए आठ साल के लिए एडमिशन मिलता है, इसलिए स्कूल को करीब 24-25 लाख रुपए का नुकसान होता।
इसलिए स्कूल फ्री वाले बच्चों के एडमिशन लेने में कतराते हैं। शायद, इसीलिए मेरी बेटी वाची का स्कूल वालों ने एडमिशन नहीं लिया। लेकिन सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद स्कूल ने चंद घंटों में बेटी का एडमिशन कर लिया है।

मां प्राची कहती हैं- हम लोग इतने पैसे वाले नहीं कि महंगे स्कूल में बच्चे को पढ़ा सके। मगर योगी जी ने बच्ची का एडमिशन करवा दिया।
प्राची बोलीं- महंगे स्कूल की फीस भरने की हैसियत नहीं
वाची की मां प्राची कहती हैं कि कोई भी लक्ष्य को पाने के लिए थोड़ी परेशानी झेलनी पड़ती हैं, मैंने भी झेलीं। हमारी इतनी हैसियत नहीं हैं कि महंगे स्कूल में बेटी की पढ़ाई करवा सकें। आरटीई के तहत तो मेरी बच्ची का एडमिशन हो गया था।
मगर स्कूल वालों ने एडमिशन ही नहीं लिया। हम लोगों को तीन महीने की परेशानी झेलनी पड़ी। मगर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने चंद घंटों में हम लोगों की सारी समस्या हल कर दी। हम योगी आदित्यनाथ जी का जितना भी धन्यवाद कहें, वो कम है।

यह तस्वीर 23 जून, 2025 की है। जब बच्ची ने CM दरबार में योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की।

डीएम बोले- प्रमाण पत्रों में डिफरेंस, तभी लेट हुआ
मुरादाबाद के डीएम अनुज कुमार सिंह कहते हैं- सीएम ऑफिस से निर्देश मिलते ही हमने तुरंत संबंधित स्कूल में बात की। बच्ची का एडमिशन करवा दिया गया है। एडमिशन में देरी को लेकर सामने आया कि बच्ची के पैरेंट्स द्वारा जिस वार्ड में अप्लाई किया गया था और जो प्रमाण पत्र दिए गए थे। दोनों में भिन्नता थी, इसलिए यह प्रकरण जांच में था।
हमने पिछले सालों की तुलना में इस बार आरटीई के तहत जिले में पहले से कहीं अधिक एडमिशन कराए हैं। जो भी पात्र बचे रह गए हैं, उनका स्कूल खुलने से पहले एडमिशन करवाएंगे। जिन मामलों में प्रमाण पत्र को लेकर शिकायतें थीं, कमेटी उनकी जांच कर रही है। हमारी कोशिश है कि पात्र बच्चों को अधिक से अधिक संख्या में आरटीई के तहत एडमिशन दिलाया जाए।
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