विधानसभा चुनावों के बाद अब प्रदेश में सरकार गठन की तैयारी चल रही हैं। ऐसे में राजनीतिक हलकों में मंत्री परिषद को लेकर भी चर्चाएं जोर पकड़ रही हैं। पिछली सरकार में जींद जिले की उचाना कलां विधानसभा क्षेत्र से विधायक दुष्यंत चौटाला उप मुख्यमंत्री बने थे
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डॉ. कृष्ण मिढ़ा ने बनाई हैट्रिक
जिले में विधायकों की बात की जाए तो डॉ. कृष्ण मिढ़ा सबसे अनुभवी विधायक हैं। उन्होंने विधायकी में हैट्रिक बनाई है। डॉ. कृष्ण मिढ़ा ने 2019 उप चुनाव, 2019 का आम चुनाव और इसके बाद अब 2024 के चुनाव में लगातार भाजपा के टिकट पर जीत दर्ज की है। जींद विधानसभा सीट पर लगातार तीन बार जीत दर्ज करने वाले अकेले विधायक बन गए हैं। ऐसे में उनका अनुभव और वरिष्ठता बनती है। लोगों के बीच उनकी लोकप्रियता बढ़ी है।
4 सीटों पर जीती बीजेपी
दूसरी तरफ उचाना के विधायक देवेंद्र अत्री ने उचाना जैसी हॉट सीट पर बीरेंद्र सिंह और चौटाला परिवार को हरा कर भाजपा का कमल खिलाया है। उनका भी प्रभाव माना जा रहा है। इसी प्रकार नरवाना से विधायक बने कृष्ण बेदी इससे पहले एक बार ही विधायक रहे हैं। सरकार के साथ बेदी संगठन में भी खासा प्रभाव रहते हैं। वे भाजपा के प्रदेश महामंत्री हैं। भाजपा के चौथे विधायक सफीदों से रामकुमार गौतम बने हैं। रामकुमार गौतम ने सफीदों में पहली बार विधानसभा क्षेत्र से बाहर के व्यक्ति की जीत का रिकार्ड बनाया है। वहीं गौतम का राजनीतिक अनुभव भी काफी है। उनको भी मंत्री मंडल में जगह मिल सकती है।
जिले से मंत्री बनाने की मांग
उचाना कलां को पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह और पूर्व उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला का गढ़ माना जाता है। उचाना से इस बार जजपा से स्वयं दुष्यंत चौटाला और बीरेंद्र सिंह परिवार से उनके बेटे और पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह कांग्रेस से चुनाव लड़े। देवेंद्र अत्री ने दोनों के बीच से इस सीट को निकाल कर अपनी खास राजनीतिक पहचान बनाई है। यहां से बीरेंद्र सिंह प्रदेश सरकार में मंत्री रहे हैं, तो दुष्यंत चौटाला उपमुख्यमंत्री। अब देवेंद्र अत्री को भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिल सकती है। लोगों की भी मांग है कि जिले से मंत्री बने।