Wednesday, June 18, 2025
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जींद में श्रद्धालुओं ने किया पूर्वजों का पिंडदान: साल की अंतिम सोमवती अमावस्या पर उमड़ी भीड़, महाभारत काल से जुड़ी है मान्यता – Jind News


पिंडदान करते श्रद्धालु व घाट पर मौजूद दमकल विभाग की गाड़ी

जींद के पिंडारा में स्थित पिंडतारक तीर्थ पर सोमवार को साल की अंतिम सोमवती अमावस्या पर श्रद्धालुओं ने सरोवर में स्नान किया। साथ ही पिंडदान करके तर्पण किया। ऐतिहासिक पिंडतारक तीर्थ पर रविवार को शाम से ही श्रद्धालुओं का आगमन शुरू हो गया था। रविवार की पू

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इस मौके पर दूर दराज से आएं श्रद्धालुओं ने अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान किया और सूर्यदेव को जल अर्पण करके सुख समृद्धि की कामना की। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था के पूरे इंतजाम रहे।

पांडवों ने 12 साल तक की थी प्रतीक्षा पिंडतारक तीर्थ के संबंध में मान्यता है कि महाभारत युद्ध के बाद पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पांडवों ने यहां 12 वर्ष तक सोमवती अमावस्या की प्रतीक्षा में तपस्या की। बाद में सोमवती अमावस के आने पर युद्ध में मारे गए परिजनों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान किया। तभी से यह माना जाता है कि पांडू पिंडारा स्थित पिंडतारक तीर्थ पर पिंडदान करने से पूर्वजों को मोक्ष मिल जाता है।

नदी में स्नान करते लोग व किश्त से गश्त करते गोताखोर

महाभारत काल से ही पितृ विसर्जन की अमावस्या, विशेषकर सोमवती अमावस्या पर यहां पिंडदान करने का विशेष महत्व है। यहां पिंडदान करने के लिए विभिन्न प्रांतों के लोग श्रद्धालु आते हैं। पिंडारा तीर्थ पर श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए पुलिस बल तैनात किया गया था। सरोवर में नहाते हुए कोई अनहोनी घटना न हो, इसके लिए गोताखोर व किश्ती का विशेष प्रबंध किया गया था।

पुलिसकर्मियों ने मेले में उमड़ी भीड़ को व्यवस्थित करने का काम किया। श्रद्धालुओं ने यहां मेले में खरीदारी की। तीर्थ पर जगह-जगह लोगों ने सामान बेचने के लिए फड़े लगाई हुई थी। जिस पर बच्चों तथा महिलाओं ने खरीदारी की। बच्चों ने जहां अपने लिए खिलौने खरीदे तो वहीं बड़ों ने भी घर के लिए सामान खरीदे।



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