Thursday, December 26, 2024
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जुकरर्बग का खुलासा- फेसबुक पर दबाव डालती थी अमेरिकी सरकार: कोरोना से जुड़े पोस्ट हटाने को कहा, कहा- अफसोस है कि पहले नहीं बोल पाया


वाशिंगटन34 मिनट पहले

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जुकरबर्ग ने ज्यूडिशियरी कमेटी को लिखी चिट्ठी में बताया कि 2021 में कई महीने तक बाइडेन प्रशासन ने कंटेंट सेंसर करने के लिए उन पर दबाव डाला। - Dainik Bhaskar

जुकरबर्ग ने ज्यूडिशियरी कमेटी को लिखी चिट्ठी में बताया कि 2021 में कई महीने तक बाइडेन प्रशासन ने कंटेंट सेंसर करने के लिए उन पर दबाव डाला।

मेटा चीफ मार्क जुकरबर्ग ने आरोप लगाया है कि जो बाइडन-कमला हैरिस प्रशासन ने कोविड से संबंधित पोस्ट को सेंसर करने (हटाने) के लिए उनकी कंपनी पर बार-बार दबाव डाला।

उन्होंने ज्यूडिशियरी कमेटी को लिखी चिट्ठी में ये आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का यूं दबाव डालना गलत था। उन्हें अफसोस है कि वह पहले इस मुद्दे पर ज्यादा नहीं बोल पाए।

जुकरबर्ग ने चिट्ठी में लिखा कि 2021 में कई महीने तक बाइडेन प्रशासन ने उन पर दबाव डाला। यहां तक कि वे कोविड-19 से जुड़े मीम तक को हटाना चाहते थे। जब हम इस पर सहमत नहीं हुए तो उन्होंने इसे लेकर अपनी निराशा भी जताई।

​​​​मेटा चीफ ने कहा कि आखिरकार यह हमारा फैसला था कि कंटेंट को हटाना है या नहीं। हमारे फैसलों के लिए हम ही जिम्मेदार हैं।

जुकरबर्ग ने चिट्ठी में लिखा कि सरकार का उन पर दबाव बनाना गलत था। उन्हें अफसोस है कि वह पहले इस पर नहीं बोल सके।

जुकरबर्ग ने चिट्ठी में लिखा कि सरकार का उन पर दबाव बनाना गलत था। उन्हें अफसोस है कि वह पहले इस पर नहीं बोल सके।

जुकरबर्ग बोले- सरकार के दबाव में नहीं झुकेंगे
जुकरबर्ग ने कहा- “मुझे लगता है कि हमें किसी भी हाल में किसी भी सरकार के दबाव में नहीं झुकना चाहिए। हमें अपने कंटेंट के स्टेंडर्ड्स से समझौता नहीं करना चाहिए। अगर ऐसा कुछ फिर से होता है तो भी हमारा जवाब पहले जैसा ही होगा।”

इसी चिट्ठी में जुकरबर्ग ने आरोप लगाया कि FBI ने 2020 के चुनाव से पहले उन्हें चेतावनी दी थी। मेटा चीफ ने कहा कि न्यूयॉर्क पोस्ट ने बाइडेन फैमिली के करप्शन से जुड़े मामले को लेकर एक रिपोर्ट लिखी थी। FBI ने इसे रूसी दुष्प्रचार बताते हुए इस पर फैक्टचेक की नोटिस लगाने को कहा था।

जुकरबर्ग ने कहा कि मेटा ने इस स्टोरी को फेसबुक पर डिमोट कर दिया। इसकी वजह से ये स्टोरी बहुत लोगों तक नहीं पहुंच पाई। जुकरबर्ग ने चिट्ठी में दावा किया कि रिपोर्टिंग रूसी दुष्प्रचार नहीं थी और उसे दबाया नहीं जाना चाहिए था।

इससे पहले जुकरबर्ग ने 2022 में एक पॉडकास्ट में माना था कि मेटा ने बाइडेन से जुड़े कंटेट को फेसबुक पर दबा दिया था। उन्होंने कहा था कि फेसबुक ने एल्गोरिथम के जरिए 2020 में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से पहले बाइडन के बेटे हंटर बाइडन के लैपटॉप की खबर को एक हफ्ते के लिए सेंसर कर दिया था। जुकरबर्ग ने कहा था कि उन्होंने इसके लिए FBI ने कहा था।

रिपब्लिकन पार्टी ने कसा तंज
जुकरबर्ग के आरोपों के बाद रिब्लिकन पार्टी ने बाइडेन प्रशासन पर तंज कसा है। पार्टी ने सोशल मीडिया पर लिखा- मार्क जुकरबर्ग ने तीन बातें मानी हैं: 1- बाइडेन-कमला हैरिस प्रशासन ने अमेरिकियों को सेंसर करने के लिए फेसबुक पर ‘दबाव’ डाला। 2- फेसबुक ने अमेरिकियों को सेंसर किया। 3- फेसबुक ने हंटर बाइडेन लैपटॉप की कहानी को दबा दिया।’ आगे तंज करते हुए लिखा कि यह फ्री स्पीच की बड़ी जीत है।

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