ज्येष्ठ माह का शुभारंभ 13 मई दिन मंगलवार से शुरू हो रहा है. ज्येष्ठ माह में भगवान विष्णु, शनि देव और हनुमान जी की विशेष पूजा की जाती है. इस महीने में निर्जला एकादशी, वट सावित्री, शनि जयंती, बुद्ध पूर्णिमा जैसे कई महत्वपूर्ण व्रत और पर्व आते हैं. ज्येष्ठ महीने में जल का दान करने का महत्व है क्योंकि इसमें सूर्य की तपिश अधिक होती है. लोग गर्मी और प्यास से परेशान रहते हैं. ज्येष्ठ में पानी पिलाने से पुण्य की प्राप्ति होती है. ज्येष्ठ माह में ही मां गंगा का धरती पर अवतरण हुआ था, इसलिए गंगा दशहरा मनाते हैं. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं ज्येष्ठ माह के व्रत और त्योहार.
ज्येष्ठ माह के व्रत और त्योहार 2025
13 मई, दिन: मंगलवार: नारद जयंती, ज्येष्ठ माह प्रारंभ, पहला बड़ा मंगल
14 मई, दिन: बुधवार: वृषभ संक्रांति
16 मई, दिन: शुक्रवार: एकदन्त संकष्टी चतुर्थी
20 मई, दिन: मंगलवार: दूसरा बड़ा मंगल, मासिक कालाष्टमी और मासिक कृष्ण जन्माष्टमी
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23 मई, दिन: शुक्रवार: अपरा एकादशी
24 मई, दिन: शनिवार: शनि प्रदोष व्रत
25 मई, दिन: रविवार: मासिक शिवरात्रि
26 मई, दिन: सोमवार: वट सावित्री व्रत, दर्श अमावस्या
27 मई, दिन: मंगलवार: तीसरा बड़ा मंगल, शनि जयंती, ज्येष्ठ अमावस्या, रोहिणी व्रत
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29 मई, दिन: गुरुवार: महाराणा प्रताप जयंती
30 मई, दिन: शुक्रवार: विनायक चतुर्थी
1 जून, दिन: रविवार: स्कन्द षष्ठी
3 जून, दिन: मंगलवार: तीसरा बड़ा मंगल, धूमावती जयंती, मासिक दुर्गाष्टमी
4 जून, दिन: बुधवार: महेश नवमी
5 जून, दिन: गुरुवार: गंगा दशहरा
6 जून, दिन: शुक्रवार: निर्जला एकादशी, गायत्री जयंती
8 जून, दिन: रविवार: प्रदोष व्रत
10 जून, दिन: मंगलवार: चौथा बड़ा मंगल, वट पूर्णिमा व्रत, ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत
11 जून, दिन: बुधवार: ज्येष्ठ पूर्णिमा स्नान और दान, कबीरदास जयंती