हरियाणा के शाहबाद में कुरूक्षेत्र के जिस शराब कारोबारी शान्तनु को गोलियों से भूना गया था, वह झज्जर के गांव मातन का रहने वाला था। विगत शाम शान्तनु की अज्ञात हमलावरों ने धड़ाधड़ फायरिंग कर उस समय गोलियों से भूनकर हत्या कर दी थी जब वह शाहबाद में अपनी गा
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सिगरेट लिए जाने के बाद जब वह गाड़ी की ओर जा रहे थे तो उसी दौरान ही अज्ञात हमलावरों ने उस पर फायरिंग कर उसे मौत के घाट उतार दिया था। पुलिस की कार्रवाई और पोस्टमाॅर्टम के बाद शान्तनु के शव को गांव मातन लाया गया था और बीते दिन ही उसका अंतिम संस्कार भी गांव में कर दिया गया।
मृतक शांतनु का गांव मातन का घर।
शांतनु के दो हैं बच्चे
घटना के बाद से परिवार के साथ-साथ गांव के लोग भी काफी दुखी है और वह शान्तनु को एक एक मिलनसार और कर्तव्य निष्ठा का धनी बता रहे है। शान्तनु के छोटे भाई संजीत ने रूआसी हालत में बताया कि घटना के बाद से पूरा परिवार दुखी है और पूरे परिवार को बुरा हाल है। उसने यह भी बताया कि शान्तनु 40 साल का था और शादी के बाद उसके दो छोटे-छोटे बच्चे भी हैं।
भाई बोला किसी से नहीं थी दुश्मनी
उसने यह भी बताया कि पिछले दस साल से वह कुरूक्षेत्र में ही रहकर शराब का कारोबार कर रहा था। शान्तनु की किसी के साथ दुश्मनी होने से संजीत ने साफ इन्कार किया। उसने कहा कि अच्छे स्वभाव का शान्तनु था और कारोबार को लेकर किसी भी प्रकार से कोई बात वह परिवार के बीच में नहीं करता था।
दोस्त से मिली थी हत्या की सूचना
सप्ताह या फिर पन्द्रह दिन में वह गांव आता था और परिवार को संभाल कर वापिस अपने कारोबार में लौट जाता था। उसने यह भी बताया कि घठना की सूचना परिवार को शान्तनु के दोस्त से ही मिली थी। संजीत का कहना है कि वह और उनका परिवार चाहता है कि परिवार को न्याय मिले और दोषियों को सजा।