गोरिया गांव में पंचायत में मौजूद ग्रामीण।
झज्जर जिले के झाड़ली क्षेत्र में करीब 15 एकड़ में लगने वाले एथेनाल संयत्र के विरोध में इस क्षेत्र के ग्रामीण उतर आए हैं। गांव गोरिया,खानपुर खुर्द, सहित क्षेत्र के दस गांवों के ग्रामीणों ने आज संयुक्त रूप से प्लांट के विरोध में पंचायत बुलाई है। जिसमें
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दर्जन भर गांव के लोगों ने इस संयत्र का विरोध जताया है। आज गांव में चल रही पंचायत में काफी संख्या में ग्रामीण पहुंचे हैं और उन्होंने इस संयत्र का विरोध जताते हुए शासन और प्रशासन को चेतावनी दी है कि इस प्लांट के कारण उन्हें नुकसान हो रहा है। उनकी फसलें खराब हो जा जाती हैं और जमीन की उर्वरता शक्ति भी कम हो रही है।
संयंत्र लगाने के विरोध में ग्रामीण जिद्द पर अड़े ग्रामीणों का कहना है कि यदि इस केमिकल संयत्र को लगाने का प्रयास हुआ तो फिर उनका आमना-सामना शासन और प्रशासन दोनों से होगा। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि उनके यहां इस क्षेत्र में जमीन तूड़ी, पदाड़ी से विकेट और पिलेट बनाने के लिए प्लांट लगाने की योजना बनाने के लिए खरीदी गई थी। लेकिन अब इसी जमीन पर यह एथेनाल संयत्र लगाने की योजना को अमलीजामा पहनाया जा रहा है।
पहले ही प्लांटों की वजह से फैल रही बीमारियां
ग्रामीणों का यह भी कहना है कि पहले ही उनके क्षेत्र में जल और प्रदूषण से त्रस्त होकर ग्रामीण गांव छोड़ रहे हैं। कारण है कि पहले ही उनके क्षेत्र में एनटीपीसी पावर प्लांट और सीमेंट की छोटी-छोटी फैक्ट्रियों से फैल रहे प्रदूषण से आमजन का जीवन जीना दूभर हो रहा है। ऐसे में यदि यह केमिकल का प्लांट लगा तो उनके यहां और अधिक संक्रामक बीमारियां फैलने का खतरा बढ़ जाएगा।
कैंसर जैसी बीमारियां पनप रही
पहले ही उनके यहां खराब वायु प्रदूषण की वजह से आंखों में जलन, कैंसर, दमा, फेफड़ों की बीमारी बड़े स्तर पर फैल चुकी है। ऐसे में यहां उनके क्षेत्र में इस संयत्र का लगना किसी खतरे से खाली नहीं है। पिछले शुक्रवार को भी ग्रामीण उपायुक्त से मिले थे और ग्रामीणों ने इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की उठाई थी और लगने वाले इस प्लांट को कैंसिल करने की बात रखी थी। ग्रामीणों ने चेताया था कि यदि उनकी मांग को अनसुना किया गया तो फिर वह शासन और प्रशासन से दो-दो हाथ करने को मजबूर होंगे।
बीते दिन ग्रामीणों ने रुकवाया काम
गौरिया गांव में बनाए जा रहे प्लांट को लेकर बीते दिन भी ग्रामीणों ने प्लांट के लिए चल रहे काम को रुकवा दिया था और आज गांव में इसी विषय को लेकर पंचायत की जा रही है। पंचायत में ग्रामीणों का कहना है कि अगर गांव में यह प्लांट लगा तो गांव खाली करने की मजबूरी पैदा हो जाएगी।