Monday, June 9, 2025
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झांसी अग्निकांड में नवजात बेटा खोया, अब पिता की मौत: ​​​​​​​हाइवे पर डिवाइडर से टकराई बाइक, सिर के बल सड़क पर गिरने से जान गई – Jhansi News


झांसी अग्निकांड में नवजात बेटे को खोने वाले एक पिता की भी मौत हो गई। वह अपने दोस्त के साथ काम पर जा रहे थे। हाइवे पर उनकी बाइक डिवाइडर से जा भिड़ी। सिर के बल सड़क पर गिरने से उसकी जान चली गई, जबकि दोस्त घायल है। उसे मेडिकल कॉलेज में एडमिट करवाया गया है

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बच्चे की मौत के जख्म अभी भरे भी नहीं थे कि अब पिता की मौत ने परिवार को हिलाकर रख दिया है। जैसे ही मौत की खबर घर पर पहुंची तो कोहराम मच गया। पहले इकलौते बेटे और फिर 10 दिन बाद पति को खोने वाली पत्नी दीवार में सिर मारने लगी और रोते हुए बेहोश हो गई।

दोस्त चला रहा था बाइक

ये तस्वीर 21 नवंबर की है। नवजात पोते की मौत के बाद शव को गोद में उठाया तो दादा कल्लू के हाथ कांपने लगे थे। आज कल्लू ने पोते के बाद बेटे को भी खो दिया।

मृतक का नाम बॉबी (25) पुत्र कल्लू आदिवासी था। वह रक्सा थाना क्षेत्र के बाजना गांव का रहने वाला था। मृतक के पिता कल्लू आदिवासी ने बताया कि “मेरा बेटा बॉबी मैरी गांव में काम करता था। सोमवार सुबह वह अपने दोस्त भीमा वंशकार के साथ बाइक से मैरी गांव जा रहा था। बाइक भीमा चला रहा था।

जब वे शिवानी होटल से आगे बूढ़ा गांव की तरह पहुंचे तो उनकी बाइक डिवाइडर से टकरा गई। बॉबी सिर के बल सड़क पर गिरा और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। जबकि भीमा वंशकार घायल है। उसका मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है।”

पहला बच्चा था, वो भी नहीं बच पाया था

ये तस्वीर 21 नवंबर की रात की है। नवजात बेटे की मौत के बाद बॉबी अपनी पत्नी काजल और मां के साथ मेडिकल कॉलेज में बैठा था। आज हादसे में बॉबी की मौत हो गई।

ये तस्वीर 21 नवंबर की रात की है। नवजात बेटे की मौत के बाद बॉबी अपनी पत्नी काजल और मां के साथ मेडिकल कॉलेज में बैठा था। आज हादसे में बॉबी की मौत हो गई।

बॉबी की पत्नी काजल ने 13 नवंबर को जिला अस्पताल में पहले बच्चे को जन्म दिया था। बच्चे की हालत गंभीर थी, वहां से मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया था। 15 नवंबर को ही उसे एसएनसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया था। उसी रात वार्ड में आग लग गई थी। हादसे के समय बॉबी मोबाइल पर बात कर रहा था। आग लगने पर वह वार्ड की ओर दौड़ा और दूसरे के बच्चे को बाहर निकाल लाया।

उसे वह जिला अस्पताल ले गया। जिला अस्पताल में बच्चे के हाथ में लगे टैग के जरिए उसे पता चला कि वह उसका नहीं है। मेडिकल वापस लौटने पर उसे अपना बच्चा वार्ड में मिला। 21 नवंबर को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। हालांकि मेडिकल प्रबंधन ने तब बताया था कि बॉबी के बच्चे की मौत बीमारी से हुई थी, उसे बर्न इंजरी नहीं थी।

पिता बोला- मेरा कलेजा फटा जा रहा है

बॉबी की मौत की सूचना पर परिजन मेडिकल कॉलेज पहुंच गए।

बॉबी की मौत की सूचना पर परिजन मेडिकल कॉलेज पहुंच गए।

पोस्टमार्टम के बाद नवजात बच्चे का शव बॉबी के पिता कल्लू आदिवासी को सौंपा गया था। जब उन्होंने बच्चे का शव गोद में उठाया तो उनके हाथ कांपने लगे थे। अब बेटे बॉबी की लाश देखकर उनको गहरा सदमा लगा है। पिता ने कहा कि दो सप्ताह के अंदर दो मौत से मेरा कलेजा फटा जा रहा है। पहले नवजात पोते का अंतिम संस्कार किया। तब लोगों ने संत्वना दी कि कुदरत को जो मंजूर था वो हुआ। आगे और बच्चे हो जाएंगे। अब तो बेटा ही नहीं रहा। उनका रो रोकर बुरा हाल है।

मामले में सीपरी बाजार थाना प्रभारी अखिलेश द्विवेदी का कहना है कि बाइक डिवाइडर से टकरा जाने से बॉबी की मौत हो गई, जबकि भीमा घायल है। पंचनामा भरकर शव का पोस्टमार्टम करवाया जा रहा है।



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