झांसी में गंगाप्रसाद अहिरवार की हत्या में पुलिस ने रमेश विश्वकर्मा को गिरफ्तार किया है।
झांसी में रास्ता के लिए एक युवक का मर्डर कर दिया गया। दबंग आरोपी एक दलित युवक के बीच खेत में से रास्ता (सेक्टर) बनाना चाहता था। इसी बात को लेकर कहासुनी हो गई। तब दलित युवक ने ऊंची आवाज में बात कर दी। इस पर आरोपी ने कुल्हाड़ी से ताबड़तोड़ वार करके गंगाप्
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12 दिन पहले हुए इस ब्लाइंड मर्डर का पुलिस ने बुधवार को खुलासा कर दिया। पुलिस ने दबंग आरोपी रमेश विश्वकर्मा को गिरफ्तार कर कुल्हाड़ी बरामद कर ली है। हत्या के बाद पुलिस से बचने के लिए वह खेतों में छुपा रहा। आज मुखबिर की सूचना पर पकड़ा गया।
खेत पर गया था गंगाप्रसाद
मृतक गंगाप्रसाद की फाइल फोटो, विलाप करती मां और जानकारी देते एसपी ग्रामीण।
एसी ग्रामीण गोपीनाथ सोनी ने बताया कि गंगाप्रसाद अहिरवार (45) ककरवई के डुमरई गांव का रहने वाला था। गांव का रमेश विश्वकर्मा (54) पुत्र मुरलीधर गंगाप्रसाद के खेत से रास्ता (सेक्टर) बनाना चाहता था। इसको लेकर उनके बीच विवाद चल रहा था। 28 फरवरी को वह खेत पर गया था। रात के समय रमेश विश्वकर्मा भी पहुंच गया। बोला कि खेत से सेक्टर निकालना है।
इस पर गंगाप्रसाद ने मना कर दिया और तेज आवाज में बोला कि जिस रास्ते से पहले निकलते थे, उसी रास्ते से जाया करो, खेत में से कोई रास्ता नहीं मिलेगा। इसको लेकर कहासुनी हो गई और आरोपी रमेश ने सिर में कुल्हाड़ी मार दी। इससे गंगाप्रसाद गिर पड़ा। इसके बाद उसे कई बार कुल्हाड़ी से वार करके हत्या कर दी और भाग गया।
दो दिन बाद फरार हो गया

आज आरोपी रमेश विश्वकर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया।
रात को जब परिजन खेत पर पहुंचे तो गंगाप्रसाद का शव पड़ा था और शरीर पर गहरे जख्म थे। हत्या के बाद आरोपी रमेश गांव में सबके बीच बना रहा। इसके बाद पुलिस ने केस दर्ज करके संदिग्धों से पूछताछ शुरू की। तब वह घबरा गया और दो दिन बाद खेत पर बनी झोपड़ी में जाकर छुप गया। बुधवार को मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने खेत में बनी झोपड़ी से ही उसको गिरफ्तार कर लिया। बाद में उसकी निशानदेही से हत्या में इस्तेमाल कुल्हाड़ी भी बरामद कर ली।
जिनपर शक था, वे निर्दोष निकले
हत्या के बाद पुलिस ने 3 एंगल पर जांच शुरू की। पहला- भाइयों से जमीन का विवाद चल रहा था। दूसरा- अविवाहित होने पर प्रेम प्रसंग का एंगल और तीसरा भांजी का एंगल। तीनों एंगल की जांच में 15 संदिग्धों से पूछताछ की गई, मगर ब्लाइंड मर्डर का सॉल्व नहीं किया जा सका।
हत्या के बाद आरोपी रमेश विश्वकर्मा भी गांव में घूम रहा था। लेकिन जब लोगों से पूछताछ शुरू हुई तो वह दो दिन बाद फरार हो गया। यह बात पुलिस तक पहुंची। तब पुलिस ने इनपुट जुटाया। आज उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया। तब पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
शादी नहीं हुई थी, मां के पास रहते थे
गंगाप्रसाद बहुत मिलनसार थे। गंगाप्रसाद की शादी नहीं हुई थी। वो अपनी मां जयकुंवर के साथ रहते थे। बचपन से भांजी मोनू भी उनके पास रह रही थी। बड़े भाई जसवंत अपने परिवार के साथ अलग रहते हैं।