राज्य सरकार ने कतिपय आरोपों को लेकर झारखंड प्रशासनिक सेवा के पांच अधिकारियों के विरुद्ध चल रहे विभागीय कार्यवाही का निष्पादन कर दिया है। नामकुम के तत्कालीन अंचल अधिकारी मनोज कुमार और वंशीधर नगर पंचायत गढ़वा के कार्यपालक पदाधिकारी अमित कुमार को दंडित
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झाप्रसे अधिकारी मनोज कुमार नामकुम के अंचलाधिकारी पद पर तैनात थे। उन पर आरोप था कि ये सुरेंद्र कुमार सिंह को जनसूचना पदाधिकारी के रूप में आवेदक को शपथ पत्र उपलब्ध नहीं कराए। साथ ही सूचना आयोग के समक्ष अपना पक्ष नहीं रखा। इस कारण इनके विरुद्ध आरोप गठित कर रांची जिला प्रशासन ने राज्य सरकार से अग्रेतर कार्रवाई की मांग की गयी। इसके बाद झारखंड सरकारी सेवक (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियमावली-2016 के तहत दो दो बार शो-कॉज किया गया। लेकिन मनोज कुमार ने अब तक जवाब देना मुनासिब नहीं समझा। विभागीय कार्यवाही में मनोज कुमार को दोषी मानते हुए राज्य सरकार ने निंदन की सजा दी है।
अमित कुमार पर गड़बड़ी का आरोप : झाप्रसे अधिकारी अमित कुमार गढ़वा के बंशीधर नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी के पद पर पदस्थापित थे। उन पर सोलर लाईट के अधिष्ठापन, फोगिंग मशीन के क्रय व अन्य मामलों में गड़बड़ी का आरोप लगा। इसके बाद नगर विकास एवं आवास विभाग ने अमित कुमार के विरुद्ध आरोप गठित करते हुए राज्य सरकार को अग्रेतर कार्रवाई की अनुशंसा की। कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग द्वारा संचालित विभागीय कार्यवाही में कतिपय आरोपों को सही पाया गया। साथ ही दंड स्वरूप असंचयात्मक प्रभाव से उनकी दो वेतन वृद्धि पर रोक लगाने का आदेश जारी किया गया है।
कुमुदिनी पर गड़बड़ी और गौरांग पर था लापरवाही का आरोप
टाटीझरिया हजारीबाग के तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी कुमुदिनी टुडू को राज्य सरकार ने जांच के बाद आरोप मुक्त कर दिया है। टुडू पर टाटीझरिया के बीडीओ पद पर पदस्थापित रहने के दौरान वित्तीय वर्ष 2016-17, 2017-18 में खैरा पंचायत की मनरेगा योजनाओं के क्रियान्वयन में गड़बड़ी करने का आरोप था। उन पर 35 डोभा और तालाब की योजनाओं में बिना समुचित जांच किए लगभग 18.69 लाख रुपए भुगतान का आरोप था। हजारीबाग डीसी ने स्पष्टीकरण का जवाब नहीं देने के बाद आरोप गठित करते हुए राज्य सरकार को अग्रेतर कार्रवाई की अनुशंसा की थी। जिसके बाद कार्मिक ने विभागीय कार्यवाही संचालित की। उसमें टुडू द्वारा समर्पित तथ्यों एवं स्पष्टीकरण के जवाब से संतुष्ट होते हुए सरकार ने भविष्य में सचेत रहते हुए आरोप मुक्त करने का निर्णय लिया। गौरांग महतो रामगढ़ में भूमि सुधार उप समाहर्ता पद पर पदस्थापित थे। उनके कार्यकाल में गोला थाना क्षेत्र में गोलीकांड की घटना हुई। गृह विभाग द्वारा इस घटना में गौरांग महतो पर लापरवाही बरतने आरोप गठित करते हुए राज्य सरकार को अग्रेतर कार्रवाई की अनुशंसा की। कार्मिक द्वारा संचालित विभागीय कार्यवाही में गौरांग महतो के विरुद्ध लगे आरोपों और उनके द्वारा समर्पित स्पष्टीकरण से संतुष्ट होते हुए मामले को संचिकास्त करने का निर्णय लिया गया है।
प्रभात कुमार ने योगदान नहीं दिया था : जामताड़ा के तत्कालीन भूमि सुधार उप समाहर्ता प्रभात कुमार को भी राज्य सरकार ने निलंबन मुक्त कर दिया है। प्रभात कुमार पर आरोप था कि राज्य सरकार ने 23 सितंबर 2021 को जारी अधिसूचना के तहत उन्हें भूमि सुधार उप समाहर्ता के पद पर पदस्थापित किया था। सरकार के इस आदेश के बाद भी उन्होंने योगदान नहीं दिया। प्रभात कुमार का पक्ष सुनने के बाद उन्हें निलंबन मुक्त कर दिया गया है।