भोपाल के वल्लभ भवन और कलेक्ट्रेट के पास 37.69 हेक्टेयर सरकारी जमीन पर झुग्गी और अवैध निर्माण से सरकार को 322.71 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि प्रशासन की लापरवाही के कारण इन अतिक्रमणों को
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रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि प्रशासनिक स्तर पर इस अतिक्रमण को रोकने के लिए पटवारी और राजस्व निरीक्षक ने कोई प्रभावी कदम नहीं उठाए। न तो इसे अतिक्रमण पंजी में दर्ज किया गया और न ही संबंधित विभागों को रिपोर्ट भेजी गई। कैग ने अपनी जांच में पाया कि यदि समय रहते यह अतिक्रमण चिह्नित कर लिया जाता, तो इसे हटाने की कार्रवाई हो सकती थी।
इधर, अजीम प्रेमजी फाउंडेशन को अफसरों ने सस्ते में थमा दी जमीन, खजाने को 65.05 करोड़ का नुकसान
भोपाल में अजीम प्रेमजी फाउंडेशन को यूनिवर्सिटी बनाने के लिए 20.23 हेक्टेयर सरकारी जमीन दी गई। कैग रिपोर्ट के अनुसार, जमीन की कीमत 218 करोड़ रुपए थी, पर इसे मात्र 38.85 करोड़ रुपए में सौंप दिया गया। कलेक्टर ने इस जमीन का बाजार मूल्य 109 करोड़ रुपए तय किया था, लेकिन पट्टा विलेख 38.85 करोड़ रुपए में किया गया और सिर्फ 9.71 करोड़ (कीमत का 25%) ही प्रीमियम लिया गया। कैग के अनुसार, सही मूल्य नहीं दिखाने से सरकार को 65.05 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।
इंदौर (बांगड़दा): एक चैरिटेबल ट्रस्ट को शून्य प्रीमियम पर भूमि दी गई, इससे 4.19 करोड़ प्रीमियम व 4.18 करोड़ सालाना किराया मिलता।
धार: IHBL इंदौर को 3.75 हेक्टे. भूमि दी, 70.13 लाख का नुकसान।