टमाटर की खेत में मवेशियों का झुंड।
बड़वानी जिले में टमाटर के भाव गिरने से किसान फसल को मवेशियों को खिलाने के लिए मजबूर हैं। इस सीजन में टमाटर का उत्पादन अच्छा हुआ है। बाजार में टमाटर बेचने पहुंच रहे किसानों को लागत मूल्य भी नहीं मिल रहे हैं।
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किसान नरेंद्र चौहान निवासी तलवाड़ा बुजुर्ग ने बताया कि उन्होंने 4 एकड़ में टमाटर की खेती की थी। टमाटर का उत्पादन अच्छा हुआ है, लेकिन बाजार में भाव दो रुएप प्रति किलो से ज्यादा नहीं मिल रहे हैं। ऐसे में टमाटर की तुड़ाई नहीं करवाई और फसल को मवेशियों के लिए छोड़ दिया है।
टमाटर के खेत में बकरियों को छोड़ा गया।
किसान मंशाराम पंचोले के अनुसार, क्षेत्र में कई किसान टमाटर को मंडी ले जाने के बजाय मवेशियों को खिला रहे हैं। बड़वानी जिले में सब्जियों की खेती बड़े पैमाने पर होती है। किसानों का कहना है कि उन्होंने मेहनत से फसल तैयार की, लेकिन अब मजदूरी भी नहीं निकल पा रही है।

टमाटर के खेत में भेड़।
किसानों के सामने यह भी समस्या है कि अगर वे टमाटर तोड़कर मंडी ले जाएं, तो मजदूरी का खर्च भी नहीं निकलेगा। अब वे सरकार से मदद की उम्मीद कर रहे हैं, जिससे उनकी फसल का उचित मूल्य मिल सके।