टीकमगढ़ जिले के बलदेवगढ़ थाना क्षेत्र अंतर्गत हटा गांव में पुलिस के पहरे में शादी का मामला सामने आया है। पुलिस की मौजूदगी में गाजे-बाजे के साथ दलित दूल्हे की घोड़ी पर राछ निकाली गई। इसके पहले दूल्हे के दोस्त ने पुलिस को आवेदन देकर शादी में सुरक्षा की म
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दरअसल, 18 नवंबर को हटा ग्राम पंचायत में जितेंद्र अहिरवार की शादी होनी थी। बुंदेलखंड में बारात जाने से पहले गांव में राछ निकालने की परंपरा है, जिसमें दूल्हा घोड़ी पर बैठकर पूरे गांव में घूमता है। जितेंद्र अहिरवार ने बताया कि पहले कभी गांव में दलित समाज के दूल्हे की राछ नहीं निकाली गई। उन्हें इस बात को लेकर डर था।
डर ऐसा कि घोड़ीवाले ने एडवांस वापस कर दिया
राछ के लिए घोड़ीवाले को एडवांस भुगतान किया था। उसने सामाजिक डर के कारण एडवांस वापस कर दिया था। यह बात उन्होंने अपने मित्र हृदेश कुशवाहा को बताई। हृदेश ने पुलिस से सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिए बलदेवगढ़ थाना प्रभारी और एसपी को आवेदन दिया। एसपी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए बलदेवगढ़ पुलिस को सुरक्षा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। इसके बाद सोमवार को पुलिस टीम हटा गांव पहुंची। पुलिस के पहरे में जितेंद्र अहिरवार की गांव में राछ निकाली गई और विवाह संपन्न कराया गया।

इसके पहले कभी गांव में दूल्हे की राछ नहीं निकली
जितेंद्र अहिरवार के दोस्त हृदेश कुशवाहा ने बताया कि हटा गांव में इसके पहले कभी भी दलित दूल्हे की राछ नहीं निकाली गई थी। इसी बात से जितेंद्र के मन में डर था। दोस्त की मदद करने के लिए पुलिस को आवेदन देकर सुरक्षा की मांग की थी। पुलिस की मौजूदगी में शांतिपूर्वक तरीके से राछ निकाली गई और विवाह संपन्न हुआ। सब इंस्पेक्टर मयंक नगाइच ने बताया कि एसपी के निर्देश पर हटा गांव में पुलिस टीम भेजी गई थी। पुलिस की मौजूदगी में विवाह की रस्में पूरी कराई गईं।