Sunday, June 8, 2025
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टीचर को जिंदा दबाने वाला मुख्य आरोपी गाड़ी-मोबाइल छोड़ फरार: साधु संगत में रहता था, पत्नी के संबंधों का पता चला तो बना हत्यारा – Charkhi dadri News


मामले में मुख्य आरोपी पैंतावास कलां निवासी राजकरण।

रोहतक मे रह रहे फिजियोथैरेपिस्ट का अपहरण कर चरखी दादरी जिले के पैंतावास कलां में जिंदा दबाने के मामले में मुख्य आरोपी राजकरण की कई बातें ग्रामीणों के जरिए सामने आए है। मुख्य आरोपी बीते काफी समय से धार्मिक लोगों की संगत में रहता था और गांव में बने धाम

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लेकिन पत्नी के संबंधों के बारे में उसे जानकारी मिली तो उसके सिर पर खून सवार हो गया और वह हत्यारा बन गया। इतना ही नहीं साधु संगत वाले राजकरण ने खौफनाक ढंग से योजनाबद्ध तरीके से मूल रूप से झज्जर जिला के मांडौठी एवं रोहतक में रह रहे जगदीप का अपहरण कर उसे अपने गांव लेकर जाकर 7 फीट से अधिक गहरे गड्‌ढे में जिंदा दबा दिया और 3 महीने से उसकी भनक भी नहीं लगने दी।

मृतक जगदीप का फाईल फोटो, जिसे पैंतावास कलां में दबाया गया था।

गाड़ी-मोबाइल छोड़ हुआ फरार प्राप्त जानकारी के अनुसार पैंतावास कलां के कालूवाला जोहड़ से शव बरामद करने से तीन-चार दिन पहले रोहतक पुलिस मामले को लेकर पहुंची थी। उसके बाद से वहां पुलिस की गतिविधियां लगातार जारी थी जिसके चलते वह हरदीप व धर्मपाल के पकड़े जाने से पहले ही फरार हो गया। गाड़ी या मोबाइल के जरिए पुलिस कोई सुराग ना लगा पाए उसके चलते वह मोबाइल और गाड़ी भी गांव में ही छोड़कर फरार हुआ है जो अभी तक पुलिस गिरफ्त से बाहर है।

माता-पिता की हो चुकी मौत मामले के मुख्य आरोपी राजकरण के अलावा उसकी दो बहने व एक भाई है। दोनों बहने शादीशुदा है। उसका भाई भी शादीशुदा है और गांव में ही खेतीबाड़ी का काम करता है। करीब 40 वर्षीय राजकरण के माता-पिता की मौत हो चुकी है। ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार करीब 15-16 साल पहले उसकी शादी हुई थी और उसकी एक बेटी है। सास से लेता था खर्चा मृतक जगदीप रोहतक की जनता कालोनी में कमला नामक महिला के मकान में किराए पर रहता था। कमला मुख्य आरोपी राजकरण की सास है और वह रिटायर्ड शिक्षक है। उसके बेटे बाहर सैटल हैं। ग्रामीणों का कहना है कि राजकरण स्वयं कुछ खास काम नहीं करता था और सास के रुपए से ही खर्चा चलाता था। उसके पास गाड़ी थी और पत्नी और बेटी के साथ उसका रोहतक सास के घर आना-जाना लगातार रहता था।

पैंतावास कलां का गोरखधाम जिसके समीप जगदीप को दबाया गया था।

पैंतावास कलां का गोरखधाम जिसके समीप जगदीप को दबाया गया था।

पत्नी के संबंधों का पता चलने पर बना कातिल राजकरण को लेकर ग्रामीणों से बात की तो उन्होंने बताया कि इस घटना से पहले उसने गांव में कोई बड़ा अपराध नहीं किया और ना ही बाहर का सुनने को मिला। उसको अपनी पत्नी के साथ जगदीप के संबंधों का पता चला तो उसने गुस्से में यह कदम उठाया है। साधु संगत में रहता था ग्रामीणों ने बताया कि राजकरण साधु संगत में रहता था। पैंतावास कलां के कालूवाला जोहड़ पर स्थित गोरखधाम के पुजारी के वह नजदीक था और पुजारी के जाने के बाद भी वह वहां सेवा देता था। ग्रामीणों के अनुसार इस धाम पर मंदिर बनवाने में भी उसने अगुआई की थी लोगों के समक्ष यहां मंदिर बनाने की मांग रखी थी। जिसके बाद ही वहां निर्माण कार्य हुआ था।

बीते सोमवार को जगदीप के शव को गड्‌ढे से बाहर निकालते पुलिस।

बीते सोमवार को जगदीप के शव को गड्‌ढे से बाहर निकालते पुलिस।

हरदीप के साथ थी दोस्ती पुलिस ने मामले में हरदीप और धर्मपाल को पकड़ा है । हरदीप के साथ राजकरण की दोस्ती थी। हरदीप के पिता की मौत हो चुकी है और वह अपनी विधवा मां का इकलौता बेटा है और खेती-बाड़ी कर गुजर बसर कर रहा था। उसकी मां का कहना है कि राजकरण उसके बेटे को अपनी सास को खून देने के बहाने लेकर गया था। लेकिन बाद में उसे पता चला कि वह जगदीप को मारेगा तो वह उसका साथ छोड़कर वापिस आ गया था।

ये है पूरा मामला मूलरूप से झज्जर के मांडौठी गांव का रहने वाला जगदीप रोहतक की जनता कॉलोनी में एक महिला के मकान में किराए पर कमरा लेकर रहता था। वहीं उसकी पहचान चरखी दादरी के पैंतावास कलां गांव निवासी महिला से हुई थी। दोनों के बीच अवैध संबंध बन गए। इस बात की जानकारी महिला के पति को लगी। वह रोहतक पहुंचा और जगदीप का मोबाइल चेक किया। उसमें पत्नी के साथ उसकी तस्वीरें देखीं।

बीते सोमवार को शव को बरामद कर अपने साथ ले जाते हुए रोहतक पुलिस।

बीते सोमवार को शव को बरामद कर अपने साथ ले जाते हुए रोहतक पुलिस।

गुस्से में उसने हत्या की योजना बना ली। इसके बाद वह अपने गांव पैंतावास कलां लौटा और हत्या के लिए अपने साथी हरदीप,धर्मपाल और एक अन्य को साथ मिला लिया। इसके बाद अपहरण कर पैंतावास कलां में सात फीट से अधिक गहरे गड्‌ढे में उसे जिंदा दबा दिया। जगदीप 24 दिसंबर को आखिरी बार यूनिवर्सिटी गए थे। जब एक माह तक सुराग नहीं मिला तो ताऊ ईश्वर ने 3 फरवरी को शिवाजी कॉलोनी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई।

जांच में सामने आया कि 24 दिसंबर की शाम चार युवक उन्हें जनता कॉलोनी स्थित किराए के मकान से हाथ-पैर बांधकर गाड़ी में डालकर ले गए। पुलिस ने मौके से मोबाइल फोन का डंप डेटा उठाया तो पैंतावास कलां के युवकों की लोकेशन सामने आई। पुलिस ने गांव के दो युवकों को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की। दोनों ने वारदात कबूल ली। उनकी निशानदेही पर पुलिस उस जगह पहुंची जहां जगदीप को जिंदा गाड़ा गया था।

बीते सोमवार को रोहतक एएसपी शशी शेखर की अगुआई में व दादरी सदर थाना प्रभारी आईपीएस दिव्यांशी सिंगला की मौजूदगी में शव बरामद करने के लिए खुदाई का कार्य करवाया गया। हालांकि आरोपी ने व्यक्ति को दबाने वाली लोकेशन सही बता दी थी उसके बावजूद टीम को शव बरामद करने में घंटों लग गए। आरोपियों द्वारा शव को सात फीट से अधिक गहरा खोदकर सीधा गाड़ा गया था। जब शव के कमर से नीचे तक का हिस्सा खोद लिया गया तो रस्सी बांधकर शव को बाहर निकालने का प्रयास किया गया लेकिन जमीन में दबा होने के कारण बाहर नहीं निकाला जा सका जिसके चलते नीचे तक खुदाई करने पर काफी समय लग गया और अंधेरा होने पर टॉर्च की रोशनी में खुदाई कर रस्सी से के सहारे शव को बाहर निकाला गया।



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