Thursday, June 19, 2025
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टीचर बच्चों को पढ़ा रहा था- राम-हनुमान मुसलमान थे: दोनों नमाज पढ़ते थे, हंगामे के बाद जियाउद्दीन ने मांगी माफी, गिरिराज बोले- सख्त एक्शन लें CM – Begusarai News


लाल घेरे में दिख रहा शख्स मोहम्मद जियाउद्दीन है, जो उत्क्रमित मध्य विद्यालय कादराबाद में टीचर है।

बेगूसराय के एक टीचर ने बच्चों को पढ़ाने के दौरान भगवान राम और हनुमान को मुसलमान बताया है। टीचर का नाम मोहम्मद जियाउद्दीन है और वह उत्क्रमित मध्य विद्यालय कादराबाद में पढ़ाते हैं। उन्होंने क्लास में बच्चों को पढ़ाते हुए कहा कि ‘भगवान राम और उनके भक्त

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इसकी जानकारी जब लोगों तक पहुंची तो उन्होंने स्कूल पहुंचकर हंगामा शुरू कर दिया। गुस्साए लोगों ने टीचर के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।

वहीं, टीचर के इस बयान से उस स्कूल के कई शिक्षक भी नाराज हो गए। हालांकि, शिक्षक जियाउद्दीन ने विवाद बढ़ता देख माफी मांग ली है।मामला बछवाड़ा प्रखंड का है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने इस मामले में CM से सख्त एक्शन लेने की मांग की है।

स्कूल में बच्चों के पेरेंट्स ने जमकर हंगामा किया है।

7वीं क्लास को पढ़ा रहे थे शिक्षक

बताया जा रहा है कि मंगलवार को 7वीं कक्षा के बच्चों को मोहम्मद जियाउद्दीन पढ़ा रहे थे। इसी दौरान उन्होंने ये आपत्तिजनक बात कही। बच्चे जब घर गए तो उन्होंने परिजनों और गांव वालों को इस बात की जानकारी दी। गांव वाले एकजुट होकर मंगलवार को शिक्षक के घर भी गए थे। जिसके बाद आज स्कूल खुलते ही बड़ी संख्या में पेरेंट्स स्कूल पहुंचकर हंगामा करने लगे।

इसके बाद क्लास में जाकर बच्चों से जब इस संबंध में पूछताछ की तो कई छात्रों ने सबके सामने बताया कि ‘जियाउद्दीन सर ने हनुमान जी और राम जी को मुसलमान बताया था।’ बच्चों के इतना कहते ही लोग हंगामा करने लगे। लोगों के आक्रोश को देकर शिक्षक ने माफी मांग ली।

गिरिराज बोले- बेगूसराय में माहौल बिगाड़ने की कोशिश

इस मामले पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा है, ‘हमारे संसदीय क्षेत्र बेगूसराय में माहौल बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है। कादराबाद स्कूल में जियाउद्दीन नाम के शिक्षक ने जिस तरीके से बच्चों को यह पढ़ाया है कि राम और हनुमान मुसलमान थे। यह बहुत बड़ी गलती है।’

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जो अल्लाह को नहीं मानते उन्हें क्या कहते हैं,जवाब-काफिर:बिहार के मदरसों की किताब में प्रश्न, NCPCR ने कहा- पाकिस्तान में छपी

बिहार के मदरसों में तालिम-उल-इस्लाम और ऐसी ही अन्य किताबें पढ़ाई जा रही हैं, जिनमें गैर-मुस्लिम को ‘काफिर’ (जो खुदा और कुरान को नहीं मानता) बताया गया है। इतना ही नहीं इन मदरसों में हिंदू स्टूडेंट्स का दाखिला लिया गया है। यह दावा राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो का है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट कर उन्होंने बिहार के मदरसों पर सवाल खड़ा किया है। मदरसा बोर्ड के ऊपर लगाए गए आरोपों का जवाब तलाशने सोमवार को दिन के 2:38 बजे भास्कर रिपोर्टर राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड के दफ्तर पहुंचे। यहां बोर्ड के अध्यक्ष मौजूद नहीं थे। गेट पर सुरक्षाकर्मी मौजूद थे। उन्होंने बताया कि ‘साहब अभी बाहर हैं, आज मुलाकात नहीं होगी।’ पूरी खबर पढ़िए



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