Thursday, June 19, 2025
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टेंट में पेश हुआ था पहला बजट…उंगलियों पर गिनाया खर्च: गंवानी पड़ी थी वित्तमंत्री की कुर्सी, पढ़िए गोबर के ब्रीफकेस से डिजिटल-बजट तक की कहानी – Chhattisgarh News


छत्तीसगढ़ की साय सरकार अपना दूसरा बजट 3 मार्च को पेश करेगी। प्रदेश का यह 25वां बजट होगा। पहला बजट टेंट में पेश किया गया था। वित्त मंत्री रहे रामचंद्र सिंहदेव ने उंगलियों पर खर्च गिनाया था। वहीं रमन कार्यकाल में बगावत करने पर अमर अग्रवाल को वित्त मंत्

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भूपेश कार्यकाल की बात करें तो पहली बार गोबर से बने ब्रीफकेस से बजट पेश किया गया था, जबकि ओपी चौधरी ने ढोकरा शिल्प से बने ब्रीफकेस से GYAN थीम पर पहली बार डिजिटल बजट पेश किया था। इस रिपोर्ट में टेंट से निकलकर डिजिटल बजट तक पहुंचने से जुड़ी कुछ रोचक कहानियां पढ़िए…

  • 2001 में टेंट में पेश हुआ बजट, कंजूसी से उठे विवाद

2001 में वित्त मंत्री रामचंद्र सिंहदेव ने राजकुमार कॉलेज ग्राउंड में टेंट में बजट पेश किया था। रामचंद्र सिंहदेव इतने सख्त थे कि हर खर्चे के प्रस्ताव पर आपत्ति की उंगली रख देते थे। सरकारी खजाने से पैसा निकलवाना बहुत मुश्किल था।

हां यह अलग विषय था कि उनका हर फैसला राज्य के हित में होता था। वे सरकारी कोष का दुरुपयोग बर्दाश्त नहीं कर सकते थे। बताया जाता है, सिंहदेव के इस रवैये के चलते जोगी सरकार में भी टकराव की स्थिति आई थी। कई विवाद भी उठे थे।

रामचंद्र सिंहदेव ने 2001 में पहला बजट पेश किया।

रामचंद्र सिंहदेव ने 2001 में पहला बजट पेश किया।

  • अमर अग्रवाल को बगावत के कारण गंवानी पड़ी थी कुर्सी

भाजपा के सत्ता में आने के बाद रमन सिंह मुख्यमंत्री बने। अमर अग्रवाल को वित्त मंत्रालय मिला था। 2006 में भाजपा के 12 विधायकों ने रमन सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। वे लोग दिल्ली जाकर केंद्रीय नेतृत्व के सामने अपनी शिकायत भी कर आए थे।

इनमें ननकीराम कंवर और अमर अग्रवाल भी शामिल थे। विवाद शांत हुआ, लेकिन बागी विधायकों पर कार्रवाई हो गई। अमर अग्रवाल से मंत्रालय छीन लिया गया था। इस तरह अमर अग्रवाल को बगावत के कारण कुर्सी गंवानी पड़ गई थी।पढ़ें पूरी खबर…

मुख्यमंत्री रहे रमन सिंह के खिलाफ बगावत करने पर अमर अग्रवाल को गंवानी पड़ी थी वित्त मंत्री की कुर्सी।

मुख्यमंत्री रहे रमन सिंह के खिलाफ बगावत करने पर अमर अग्रवाल को गंवानी पड़ी थी वित्त मंत्री की कुर्सी।

  • मार्च 2022 में पहली बार गोबर से बने ब्रीफकेस से बजट पेश

15 साल बाद 2018 में सत्ता पर कांग्रेस लौटी थी। इस दौरान छत्तीसगढ़िया वाद को खूब भुनाया। भूपेश बघेल ने प्रदेश में गोबर खरीदी शुरू की। गौठान बनवाए। इसी तर्ज पर बघेल ने 2022 में गोबर से बने ब्रीफकेस से बजट पेश किया। रायपुर के गोकुल धाम गौठान में गोबर से ब्रीफकेस बनाया गया था।

ब्रीफकेस को गोबर पाउडर, चूना पाउडर, मैदा लकड़ी और ग्वार गम से तैयार किया गया। मान्यता है कि गोबर मां लक्ष्मी का प्रतीक है। छत्तीसगढ़ के तीज त्योहारों में घरों को गोबर से लीपने की परंपरा रही है। इसी से प्रेरणा लेकर गोमय ब्रीफकेस बनाया गया, ताकि हर घर में बजट रूपी लक्ष्मी का प्रवेश हो। पढ़ें पूरी खबर..

मार्च 2022 में भूपेश बघेल ने गोबर से बने ब्रीफकेस से बजट पेश किया

मार्च 2022 में भूपेश बघेल ने गोबर से बने ब्रीफकेस से बजट पेश किया

  • छत्तीसगढ़ में पहली बार डिजिटल बजट किया

छत्तीसगढ़ को 17 साल बाद ओपी चौधरी के रूप में स्वतंत्र वित्त मंत्री मिला है। ओपी चौधरी ने पहली बार सदन में डिजिटल बजट पेश किया। ओपी चौधरी जो ब्रीफकेस लेकर सदन में पहुंचे थे, वह ब्लैक कलर का था। ब्रीफकेस के फ्रंट पर आदिम जनजाति कला की प्रसिद्ध पहचान ‘ढोकरा शिल्प’ की झलक थी।

ओपी चौधरी जो ब्रीफकेस लेकर सदन में पहुंचे थे, वह ब्लैक कलर का था। इस पर 'ढोकरा शिल्प' की झलक थी।

ओपी चौधरी जो ब्रीफकेस लेकर सदन में पहुंचे थे, वह ब्लैक कलर का था। इस पर ‘ढोकरा शिल्प’ की झलक थी।

वित्त मंत्री ओपी चौधरी का यह बजट ‘GYAN’ यानी गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी पर फोकस्ड था। ओपी ने कहा था कि GYAN के माध्यम से गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी से आर्थिक विकास होगा। 5 साल में GDP को 5 लाख करोड़ से 10 लाख करोड़ तक पहुंचाएंगे। इसके लिए 10 पिलर्स निर्धारित किए गए हैं। पढ़ें पूरी खबर…

ओपी चौधरी ने पहली बार सदन में डिजिटल बजट पेश किया।

ओपी चौधरी ने पहली बार सदन में डिजिटल बजट पेश किया।

  • अब आंकड़ों में पढ़िए 2000 से 2025 तक 5700 करोड़ से कैसे 1 लाख करोड़ के पार पहुंचा छत्तीसगढ़ का बजट ?

छत्तीसगढ़ की साय सरकार अपना दूसरा और राज्य का 25वां बजट पेश करने जा रही है। 25 साल में 5700 करोड़ से बढ़कर बजट का कुल साइज 1 लाख 48 हजार 22 रुपए है, जो 24 साल में 25 गुना बढ़ गया है। अब 1 लाख 62 हजार 870 रुपए होने का अनुमान है।

वहीं अगर 25 साल में जोगी, रमन, भूपेश और साय के कार्यकाल की बात करें तो राज्य को अब तक 5 वित्त मंत्री मिल चुके हैं। ओपी चौधरी के रूप में छत्तीसगढ़ को 17 साल बाद स्वतंत्र वित्त मंत्री मिला है। इनमें रमन सिंह ने सबसे ज्यादा यानी 12 बार बजट पेश किया है।

रमन कार्यकाल में ही जनता की सबसे ज्यादा 48 प्रतिशत आमदनी बढ़ी। इसके बाद से प्रति व्यक्ति आय में 10-11 प्रतिशत से ज्यादा ग्रोथ नहीं हो पाई। हालांकि 2025 में साय सरकार के जारी आंकड़ों के मुताबिक प्रति व्यक्ति सालाना आय 1 लाख 62 हजार 870 रुपए और रोजाना 446 रुपए है।

24 साल में 25 गुना बढ़ा छत्तीसगढ़ का बजट

छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण 1 नवंबर साल 2000 को जब हुआ जाे प्रदेश का बजट सिर्फ 5700 करोड़ रुपए का था, जबकि आखिर यानी फाइनेंस ईयर 2024–25 का मेन बजट 1 लाख 47 हजार 446 करोड़ रुपए है। इस लिहाज से पिछले 24 साल में राज्य के बजट में लगभग 25 गुना का इजाफा हुआ है।

वहीं फाइनेंस ईयर 2025–26 की बात करें तो इस बार का मेन बजट आखिरी फाइनेंस ईयर की तुलना में 6 से 7 प्रतिशत ज्यादा हो सकता है। इस लिहाज से इस बार मेन बजट 1 लाख 62 हजार 870 रुपए होना अनुमानित है।

राज्य को 5 वित्त मंत्री मिले, इनमें से 3 ने ही फुल टाइम बहीखाता संभाला

छत्तीसगढ़ को अब तक 5 वित्त मंत्री मिल चुके हैं। इनमें से 3 ने फुल टाइम प्रदेश का बहीखाता संभाला। वहीं रमन सिंह और भूपेश बघेल इन दोनों मुख्यमंत्री होने के साथ-साथ वित्त मंत्रालय की भी जिम्मेदारी संभाली। भाजपा दोबारा सत्ता में लौटी। ओपी चौधरी को वित्तमंत्री बनाया गया। इस तरह प्रदेश को लगभग 17 साल बाद स्वतंत्र वित्त मंत्री मिला।

जानिए क्या होता है सप्लीमेंट्री बजट

सप्लीमेंट्री यानी अनुपूरक बजट। ये एक ऐसा वित्तीय दस्तावेज है, जिसे सरकार किसी वित्तीय वर्ष के दौरान पेश करती है। जब उसे अपने पहले से स्वीकृत बजट में अतिरिक्त खर्च की आवश्यकता होती है। यह बजट उन खर्चों को कवर करने के लिए पेश किया जाता है, जिनको अनुमानित बजट में शामिल नहीं किया गया था, या जो नई परिस्थितियों के कारण आवश्यक हो गए हैं।

यह बजट वित्त वर्ष के बीच में किसी विभाग या मंत्रालय की किसी योजना में अतिरिक्त राशि खर्च करने के लिए लाया जाता है। यह खर्च के अनुमान के साथ पेश किया जाता है।

रमन कार्यकाल में आम आदमी के जेब में आया सबसे ज्यादा पैसा

वहीं आम आदमी की जेब के लिहाज से बात की जाए तो रमन राज में सबसे ज्यादा प्रति व्यक्ति कमाई में ग्रोथ हुआ। रमन ने 2007 से 2018 तक बजट पेश किया। इस दौरान प्रति व्यक्ति आय चार बार 20 प्रतिशत से ऊपर रही।

रमन के जाने बाद से प्रति व्यक्ति आय में 10-11 प्रतिशत से ज्यादा ग्रोथ नहीं पाई। यानी पिछले 9 साल से आम आदमी की आमदनी में ठहराव की स्थिति बनी हुई है।

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