मांगों को लेकर किसान मंगलवार को कलेक्टोरेट की सीढ़ियों पर बैठ गए।
भोपाल में टेम नदी प्रोजेक्ट में डैम का निर्माण होना है। इससे 5 गांव- मजीदगढ़, खेड़ली, छावनी खेड़ा और डैयां डूब में आएंगे। इसलिए इन गांवों के किसान मंगलवार को कलेक्टोरेट पहुंचे और जमीन की मांग को लेकर सीढ़ियों पर बैठ गए। उन्होंने पुनर्वास के लिए जमीन सिंध
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किसानों ने अफसरों को अपनी पीड़ा सुनाई। हालांकि, वे कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह से मिलना चाहते थे। इसलिए वे ऑफिस की सीढ़ियों पर बैठ गए और कलेक्टर का इंतजार करने लगे। कलेक्टर सिंह दिल्ली में थे, इसलिए डिप्टी कलेक्टर पांडे ने आवेदन लिया।
किसानों की यह मांग
- पुनर्वास के लिए भूमि सिंधोड़ा के जंगल में नहीं दी जाए। पिछले साल अक्टूबर में ही जमीन लेने से इनकार कर चुके हैं।
- जमीन मेन रोड पर नजीराबाद से भोपाल के बीच कहीं भी दे दी जाए।
- भूमि एक साथ नहीं मिलने पर अलग-अलग गांव के हिसाब से भी दे दें तो मंजूर होगा।
- नवाबी शासन के पट्टों का आज तक कोई निराकरण नहीं हुआ और न ही कोई कार्रवाई की गई है।
- डूब क्षेत्र में आ रहे मकानों की राशि और मुआवजे की राशि 3 महीने के अंदर दे दी जाए।
जनसुनवाई करते एडीएम भूपेंद्र गोयल एवं अन्य अधिकारी।
मांगों का निरीक्षण नहीं तो करेंगे आंदोलन ग्रामीणों ने जिला प्रशासन को चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों का निराकरण नहीं हुआ तो वे उग्र आंदोलन करेंगे।
111 आवेदन पहुंचे, एडीएम ने सुनी समस्याएं मंगलवार को एडीएम भूपेंद्र गोयल, प्रकाश नायक, संयुक्त कलेक्टर मोहम्मद इकबाल, डिप्टी कलेक्टर अजय शर्मा, निधि चौकसे एवं अन्य अधिकारियों ने जनसुनवाई में आए लोगों की समस्याएं सुनीं। इस दौरान अनेक समस्याओं का निराकरण मौके पर ही कर दिया गया। जनसुनवाई में आए नागरिकों से 111 आवेदन प्राप्त हुए।