Sunday, March 30, 2025
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टेरर फंडिंग केस… इंजीनियर राशिद संसद जा सकेंगे: कार्यवाही के बाद जेल जाना होगा; हाईकोर्ट बोला- मीडिया से बात नहीं करेंगे; 2019 से कैद हैं


नई दिल्ली18 मिनट पहले

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राशिद को 2017 में आतंकी फंडिंग के आरोप में UAPA के तहत अरेस्ट किया गया था। 2019 से वो तिहाड़ जेल में बंद हैं।

जम्मू-कश्मीर टेरर फंडिंग केस में तिहाड़ जेल में बंद बारामूला के सांसद शेख अब्दुल राशिद लोकसभा की कार्यवाही में शामिल हो सकेंगे।

दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को परमिशन देते हुए कहा कि पुलिस 26 मार्च से 4 अप्रैल के बीच इंजीनियर रशीद को संसद लेकर जाएगी और सत्र समाप्त होने के बाद वापस जेल ले जाएगी। इस दौरान वे मीडिया से बातचीत नहीं करेंगे।

राशिद ने लोकसभा की कार्यवाही में शामिल होने के लिए हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी। मंगलवार को कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।

दरअसल, 19 मार्च को सुनवाई के दौरान ट्रायल कोर्ट ने उन्हें कस्टडी पैरोल देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद राशिद ने हाईकोर्ट का रुख किया था।

राशिद को 2017 में जम्मू-कश्मीर में आतंकी फंडिंग के आरोप में UAPA के तहत अरेस्ट किया गया था। 2019 से वो तिहाड़ जेल में बंद हैं। राशिद ने जेल में रहते हुए ही 2024 लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी।

2005 में भी गिरफ्तार हुए थे इंजीनियर राशिद राशिद का नाम कश्मीरी व्यवसायी जहूर वताली की जांच के दौरान सामने आया था, जिसे NIA ने घाटी में आतंकवादी समूहों और अलगाववादियों को कथित तौर पर फंडिंग करने के आरोप में गिरफ्तार किया था।

राशिद को 2005 में भी स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ने श्रीनगर से गिरफ्तार किया था। तब राशिद पर आतंकियों की मदद करने का आरोप था। इस केस में राशिद 3 महीने 17 दिन तक राजबाग जेल में बंद रहे। इस मामले में चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट ने मानवीय आधार पर सभी आरोपों से बरी कर दिया था।

जूनियर इंजीनियर से सांसद तक का सफर राशिद ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है । कुछ वक्त रूरल डेवलपमेंट में कॉन्ट्रैक्ट पर काम किया। इसी दौरान जम्मू-कश्मीर कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट कॉर्पोरेशन में असिस्टेंट मैनेजर की नौकरी लग गई।

नौकरी करते हुए भी वे लोगों के मसले उठाते थे। तभी किसी ने उन्हें सियासत में आने की सलाह दी। उन्होंने फैसला कर लिया कि राजनीति में आएंगे। 2008 में उन्होंने सरकारी नौकरी छोड़ दी।

उसी साल लंगेट विधानसभा से निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीत गए। इसके बाद अपनी पार्टी बनाई। 2014 में फिर चुनाव लड़ा और जीते। उनकी पार्टी ने 3-4 सीटों पर चुनाव लड़ा था, बाकी सभी कैंडिडेट हार गए।

और सबसे बड़ी पहचान जम्मू-कश्मीर के पूर्व CM उमर अब्दुल्ला और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद लोन को लोकसभा चुनाव 2024 में बहुत बड़े अंतर से हराया है।

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