Wednesday, December 25, 2024
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टॉप-10 में 8 कंपनियों की वैल्यू ₹1.55 लाख करोड़ बढ़ी: पिछले हफ्ते के कारोबार में HDFC बैंक का मार्केट कैप ₹40,392.91 करोड़ बढ़ा, LIC और रिलायंस लूजर रहे


मुंबई3 मिनट पहले

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मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से देश की टॉप-10 कंपनियों में से 8 की वैल्यू बीते हफ्ते कंबाइंड रूप से 1,55,603.45 करोड़ रुपए बढ़ी। इस दौरान HDFC बैंक और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) टॉप गेनर रहे।

हफ्ते भर के कारोबार के दौरान HDFC बैंक का मार्केट कैप 40,392.91 करोड़ रुपए बढ़कर 13,34,418.14 करोड़ रुपए हो गया। वहीं, TCS का मार्केट कैप 36,036.15 करोड़ रुपए बढ़कर 15,36,149.51 करोड़ रुपए हो गया।

इसके अलावा ICICI बैंक, इंफोसिस, हिंदुस्तान यूनिलीवर, ITC, भारती एयरटेल और SBI का भी मार्केट कैप बढ़ा। जबकि, LIC और रिलायंस के मार्केट कैप में गिरावट देखने को मिली।

पिछले हफ्ते सेंसेक्स 1536.8 अंक और निफ्टी 374.55 अंक चढ़ा

हफ्ते भर के कारोबार के दौरान बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 1536.8 अंक (1.98%) चढ़ा। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का 50 शेयरों वाला निफ्टी हफ्तेभर में 374.55 अंक यानी 1.59% चढ़ा है।

सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 29 में तेजी और 1 में गिरावट थी। निफ्टी के 50 शेयरों में से 49 में तेजी और 1 में गिरावट थी। निफ्टी मीडिया छोड़कर NSE के सभी सेक्टोरल इंडेक्स बढ़त के साथ बंद हुए थे। आईटी और रियल्टी इंडेक्स सबसे ज्यादा चढ़े थे।

मार्केट कैपिटलाइजेशन क्या होता है?

मार्केट कैप किसी भी कंपनी के टोटल आउटस्टैंडिंग शेयरों यानी वे सभी शेयर, जो फिलहाल उसके शेयरहोल्डर्स के पास हैं, की वैल्यू है। इसका कैलकुलेशन कंपनी के जारी शेयरों की टोटल नंबर को स्टॉक की प्राइस से गुणा करके किया जाता है।

मार्केट कैप का इस्तेमाल कंपनियों के शेयरों को कैटेगराइज करने के लिए किया जाता है, ताकि निवेशकों को उनके रिस्क प्रोफाइल के अनुसार उन्हें चुनने में मदद मिले। जैसे लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप कंपनियां।

मार्केट कैप = (आउटस्टैंडिंग शेयरों की संख्या) x (शेयरों की कीमत)

मार्केट कैप कैसे काम आता है?

किसी कंपनी के शेयर में मुनाफा मिलेगा या नहीं इसका अनुमान कई फैक्टर्स को देख कर लगाया जाता है। इनमें से एक फैक्टर मार्केट कैप भी होता है। निवेशक मार्केट कैप को देखकर पता लगा सकते हैं कि कंपनी कितनी बड़ी है।

कंपनी का मार्केट कैप जितना ज्यादा होता है, उसे उतनी ही अच्छी कंपनी माना जाता है। डिमांड और सप्लाई के अनुसार स्टॉक की कीमतें बढ़ती और घटती है। इसलिए मार्केट कैप उस कंपनी की पब्लिक पर्सीवड वैल्यू होती है।

मार्केट कैप कैसे घटता-बढ़ता है?

मार्केट कैप के फॉर्मूले से साफ है कि कंपनी की जारी शेयरों की कुल संख्या को स्टॉक की कीमत से गुणा करके इसे निकाला जाता है। यानी अगर शेयर का भाव बढ़ेगा तो मार्केट कैप भी बढ़ेगा और शेयर का भाव घटेगा तो मार्केट कैप भी घटेगा।

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