Wednesday, January 22, 2025
Wednesday, January 22, 2025
Homeविदेशट्रम्प अड़े तो... अमेरिका में डेढ़ गुना तक महंगे हो जाएंगे स्नीकर्स,...

ट्रम्प अड़े तो… अमेरिका में डेढ़ गुना तक महंगे हो जाएंगे स्नीकर्स, टी-शर्ट्स, दवा, गहने


बीकानेर29 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

अमेरिकी बाजार में बिकने वाले ढेर सारे प्रोडक्ट दूसरे देशों से आते हैं। वहां के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ज्यादातर आयातित प्रोडक्ट्स पर टैक्स बढ़ाने की घोषणा की है। उन्होंने सबसे ज्यादा 100% तक आयात शुल्क ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) पर लगाने की धमकी दी है। इससे अमेरिका में महंगाई बढ़ सकती है।

दरअसल अमेरिका में स्नीकर्स, टी-शर्ट्स, ज्यादातर दवाएं, गहने, बीयर और अन्य घरेलू सामान ब्रिकक्स देशों, मैक्सिको और कनाडा जैसे देशों से ही आते हैं। हालांकि ट्रम्प प्रशासन की घोषणा के मुताबिक, सभी देशों से सभी तरह के प्रोडक्ट और सर्विस के आयात पर शुल्क में एक जैसी बढ़ोतरी नहीं होगी। ट्रम्प ने 10% से लेकर 100% तक शुल्क (टैरिफ) बढ़ाने की बात कही है। हालांकि कुछ रिपोर्ट्स में इसे सिर्फ धमकी बताया गया है, लेकिन ट्रम्प ने ऐसी रिपोर्ट्स का खंडन किया है। उन्होंने साफ कहा है कि वे टैरिफ की प्रस्तावित दरों को कम कर सकते।

हालात से निपटने की रणनीति बना रही अमेरिकी कंपनियां

पीडब्ल्यूसी के कंज्यूमर मार्केट लीडर अली फुरमैन ने कहा कि टैरिफ अब कंपनियों के बीच चर्चा का मुख्य विषय बन गया है। हालांकि अभी ट्रम्प की नीतियां पूरी तरह स्पष्ट नहीं हैं। लेकिन कंपनियों ने हर तरह के हालात से निपटने की तैयारी शुरू कर दी है। इसमें दाम बढ़ने के बाद बिक्री बढ़ाने की रणनीति शामिल है।

ट्रम्प की टैरिफ पॉलिसी का हर अमेरिकी परिवार और बिजनेस पर असर

कोलंबिया बिजनेस स्कूल के प्रोफेसर ब्रेट हाउस ने कहा कि लगभग हर कंज्यूमर प्रोडक्ट के दाम बढ़ सकते हैं। कनाडा से आयातित पेट्रोलियम पर टैरिफ से अमेरिका में सब कुछ महंगा हो सकता है। टैरिफ का प्रभाव व्यापक हो सकता है। यह हर घर और बिजनेस पर असर डाल सकता है।

33% अमेरिकी चीन पर 60% टैक्स के पक्ष में

सर्वे रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि 45 फीसदी अमेरिकी 10 फीसदी टैरिफ का समर्थन करते हैं। करीब एक तिहाई अमेरिकी 20 फीसदी आयात शुल्क के लिए तैयार हैं। लेकिन लगभग इतने ही अमेरिकी चीनी प्रोडक्ट्स के आयात पर 60% टैरिफ लगाने के पक्ष में हैं। इसका मतलब है कि अमेरिकियों के बीच चीन को लेकर खास तल्खी है। ट्रम्प इस पब्लिक सेंटीमेंट का फायदा उठा सकते हैं।

अमेरिकी कंपनियों ग्राहकों पर डालेंगी महंगाई का बोझ

ट्रम्प का मानना है कि टैरिफ से अमेरिका में मैन्युफैक्चरिंग और रोजगार बढ़ेंगे। लेकिन इससे रिटेल कंपनियों की लागत बढ़ेगी, जिसे वे ग्राहकों पर डाल सकते हैं। ‘नेशनल रिटेल फेडरेशन एंड कंज्यूमर टेक्नोलॉजी एसोसिएशन’ ने चेताया है कि टैरिफ आखिरकार अमेरिकी बिजनेस और ग्राहकों का ही खर्च बढ़ाएगी।

67% अमेरिकियों को महंगाई बढ़ने की चिंता

पीडब्ल्यूसी के एक सर्वे में शामिल 67% अमेरिकियों का मानना है कि कंपनियां बढ़ी हुई टैरिफ का बोझ ग्राहकों पर डालेंगी। एवोकाडो से लेकर बच्चों के खिलौने, चॉकलेट, कपड़े, गहने और कारों तक के दाम दाम डेढ़ गुना तक बढ़ सकते हैं। ऐसे में ट्रम्प अचानक कोई बड़ा फैसला करेंगे, इसकी आशंका कम है।

भारतीय IT कंपनियां बढ़ा रहीं अमेरिकियों की हायरिंग

भारतीय आईटी कंपनियों को अमेरिका में टैरिफ बढ़ने और दूसरे देशों के प्रोफेशनल्स के लिए हालात मुश्किल होने का अंदाजा पहले से था। इसीलिए उन्होंने अमेरिका में ही अधिक स्थानीय कर्मचारी नियुक्त किए हैं। रेगुलेटरी फाइलिंग के मुताबिक, इंफोसिस और टीसीएस जैसी कंपनियों ने अमेरिकी हायरिंग तेज कर दी है। इन दोनों कंपनियां 25 हजार से ज्यादा अमेरिकी स्टाफ नियुक्त चुकी हैं। भारत में आईटी कंपनियों की प्रतिनिधि संस्था नैस्कॉम के मुताबिक, जैसे-जैसे अमेरिकी नीतियों में बदलाव आएगा भारतीय आईटी कंपनियों को हेल्थ केयर सर्विस, रिटेल और बैंकिंग सेक्टर में बदलाव के लिए पहले से तैयार रहना होगा। उन्हें एक तिहाई से ज्यादा आय इन्हीं सेक्टरों से होती है। हालांकि हाल के वर्षों में भारतीय आईटी कंपनियों ने अमेरिका से इतर नए बाजारों पर फोकस बढ़ाया है। अफ्रीकी और रीजनल मार्केट इनमें शामिल है।

एक तिहाई अमेरिकी चीन से आयातित प्रोडक्ट्स पर ऊंची टैरिफ के पक्षधर, ट्रम्प इसका फायदा उठा सकते हैं

खबरें और भी हैं…



Source link

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular