वॉशिंगटन DC13 मिनट पहले
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ट्रम्प का मानना है कि मौजूदा एजुकेशन सिस्टम छात्रों को अच्छा नहीं है और इसमें कई बदलाव की जरूरत है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प अमेरिकी शिक्षा विभाग बंद करने के लिए एक एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर हस्ताक्षर करने की योजना बना रहे हैं। ट्रम्प का यह फैसला अमेरिका में शिक्षा सुधार से जुड़े उनके एजेंडे का हिस्सा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ट्रम्प ने शिक्षा विभाग को बेकार और उदारवादी विचारधारा से प्रभावित बताया है।
ट्रम्प ने हाल के दिनों में इस एजेंसी के वर्कफोर्स में भारी कटौती की है। इसके बाद भी यह एजेंसी अपना काम जारी रखे हुए है और स्कूलों के लिए फेडरल फंडिंग प्रोग्राम की देखरेख कर रही है।
ट्रम्प का मानना है कि मौजूदा एजुकेशन सिस्टम छात्रों के लिए अच्छा नहीं है और इसमें कई बदलाव की जरूरत है। उनका कहना है कि शिक्षा विभाग का स्कूलों पर बहुत ज्यादा कंट्रोल है।
ट्रम्प लोकल अधिकारियों और बच्चों के माता-पिता को ज्यादा अधिकार देना चाहते हैं। उन्हें लगता है कि इससे पूरे देश में बच्चों की शिक्षा के बेहतर नतीजे सामने आएंगे।

ट्रम्प ने शपथ ग्रहण के दिन ही करीब 78 एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर साइन के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के कई फैसलों को पलट दिया था।
विभाग बंद हुआ तो स्कूलों में असमानता पैदा होने का खतरा कई एक्सपर्ट्स को लगता है कि इस फैसले से सार्वजनिक शिक्षा गलत असर पड़ सकता है। केंद्र की निगरानी को हटाने से स्कूलों में असमानता पैदा हो सकती है। कुछ लोगों का मानना है कि शिक्षा विभाग सभी छात्रों के लिए समान अवसर तय करने में जरूरी रोल निभाता है।
ट्रम्प के समर्थकों का कहना है कि शिक्षा पर लोकल कंट्रोल ज्यादा बेहतर रहेगा। स्थानीय नेता, माता-पिता और स्कूल लोकल जरूरतों को बेहतर तरीके से समझते हैं।
ट्रम्प के आदेश के बाद भी तुरंत बंद नहीं होगा डिपार्टमेंट इस डिपार्टमेंट को 1979 में अमेरिकी कांग्रेस (संसद) ने कैबिनेट स्तर की एजेंसी के तौर पर स्थापित किया था। ऐसे में यह डिपार्टमेंट ट्रम्प के हस्ताक्षर के साथ तुरंत बंद नहीं होगा। इसे पूरी तरह बंद करने के लिए कांग्रेस की ओर से कार्रवाई की जरूरत होगी।
व्हाइट हाउस की तरफ से हैरिसन फील्ड्स ने मीडिया से कहा कि यह ऑर्डर माता-पिता और स्कूलों को बच्चों का रिजल्ट बेहतर करने में मदद करेगा। नेशनल असेसमेंट टेस्ट के हालिया स्कोर बताते हैं कि हमारे बच्चे पिछड़ रहे हैं।