Monday, January 20, 2025
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ट्रम्प आज दूसरी बार बनेंगे अमेरिका के राष्ट्रपति: क्या व्हाइट हाउस के पर्दे-कुर्सियां तक बदलवा देंगे; 7 अहम सवालों के जवाब


वॉशिंगटन22 मिनट पहले

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1980 की बात है। 34 साल के डोनाल्ड ट्रम्प एक अमेरिकी मैगजीन को इंटरव्यू दे रहे थे। इस दौरान उनसे पूछा जाता है- आप राजनीति के बारे में क्या सोचते हैं? ट्रम्प जवाब देते हैं, “राजनीतिक जीवन निर्दयी होता है, जो काबिल होते हैं वे बिजनेस करते हैं।”

1980 के 45 साल बाद वही ट्रम्प दूसरी बार अमेरिका के राष्ट्रपति बनने वाले हैं। वे अमेरिकी संसद कैपिटल हिल में भारतीय समयानुसार आज रात करीब 10 बजे शपथ लेंगे।

ये शपथ कैसे होगी, ट्रम्प बाइबल पर हाथ रख संविधान की कसम क्यों खाएंगे, वे क्या बोलेंगे, जानिए ट्रम्प की ओथ सेरेमनी और अमेरिका में पावर ट्रांसफर से जुड़े 7 अहम सवालों के जवाब…

सवाल 1: ट्रम्प के शपथ ग्रहण समारोह में क्या-क्या होगा?

जवाब: अमेरिकी संसद कैपिटल हिल में करीब 700 अमेरिकियों के सामने डोनाल्ड ट्रम्प अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति की शपथ लेंगे। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस जॉन रॉबर्ट्स, डोनाल्ड ट्रम्प और उनके उप-राष्ट्रपति जेडी वेंस को शपथ दिलाएंगे।

इस दौरान ट्रम्प का बायां हाथ बाइबल पर होगा। शपथ ग्रहण में बाइबल राष्ट्रपति की पत्नी के हाथों में होती है। ट्रम्प के केस में उनकी पत्नी मेलानिया बाइबिल पकड़ेंगी।

बाइबल हाथ में लिए ट्रम्प कहेंगे-

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मैं शपथ लेता हूं कि मैं अमेरिकी राष्ट्रपति के दफ्तर की सभी जिम्मेदारियों को ईमानदारी से निभाऊंगा। मैं अपनी पूरी क्षमता के साथ अमेरिकी संविधान की रक्षा करूंगा।

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शपथ के बाद ट्रम्प का भाषण होगा। अपने पिछले कार्यकाल के शपथ ग्रहण में ट्रम्प 17 मिनट तक बोले थे।

शपथ के बाद कैपिटल हिल पर कलाकारों की म्यूजिकल परफॉर्मेंस भी होती है। हालांकि इस बार ज्यादातर हॉलीवुड कलाकारों ने चुनाव में कमला हैरिस का समर्थन किया था, ऐसे में ट्रम्प के लिए कौन परफॉर्म करेगा ये साफ नहीं है।

परफॉर्मेंस के बाद ट्रम्प कैपिटल हिल के सैट्यूटरी हॉल में अमेरिकी सांसदों के साथ लंच करेंगे। लंच में परोसा गया खाना ज्यादातर राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति के घर से आता है। इसके बाद US कैपिटल से व्हाइट हाउस तक एक रैली होगी। जिसे खुद राष्ट्रपति ट्रम्प लीड करेंगे।

रात में ट्रम्प अपने करीबियों के साथ पार्टी में शामिल होंगे, न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक ये पार्टी मेटा चीफ मार्क जुकरबर्ग होस्ट करेंगे। जुकरबर्ग चुनाव के बाद से ट्रम्प से संबंध बेहतर करने में लगे हैं, बाइडेन के कार्यकाल में उन्होंने ट्रम्प को फेसबुक से बैन कर दिया था।

सवाल 2: बाइबल पर हाथ रखकर संविधान बचाने की शपथ क्यों लेते हैं अमेरिकी राष्ट्रपति? जवाब: बाइबिल पर हाथ रखकर शपथ लेने की परंपरा 1789 में जॉर्ज वॉशिंगटन से शुरू हुई थी। हालांकि यह संवैधानिक नहीं है। अमेरिकी संविधान के मुताबिक नए राष्ट्रपति को सिर्फ शपथ लेनी होती है। इसमें किसी बाइबल या कोई और धार्मिक पुस्तक से शपथ लेने जैसा कोई नियम नहीं है।

अमेरिका के छठे राष्ट्रपति जॉन क्विन्सी ने संविधान पर हाथ रखकर शपथ ली थी। वहीं, थियोडोर रूजवेल्ट ने बिना किसी किताब पर हाथ रखे राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी।

राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपने परिवार की 19वीं सदी की बाइबल पर हाथ रखकर राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी। इस दौरान उनकी पत्नी जिल बाइडेन ने बाइबल अपने हाथ में पकड़ी थी।

राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपने परिवार की 19वीं सदी की बाइबल पर हाथ रखकर राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी। इस दौरान उनकी पत्नी जिल बाइडेन ने बाइबल अपने हाथ में पकड़ी थी।

सवाल 3: ब्रिटेन में कुछ घंटे, भारत में 4 से 10 दिन में पावर ट्रांसफर, अमेरिका में 75 दिन क्यों?

जवाब: ब्रिटेन में चुनाव परिणाम आने के बाद हारने वाला प्रधानमंत्री, देश के किंग या क्वीन के पास जाता है और इस्तीफा देता है। इसके तुरंत बाद जीता हुआ प्रत्याशी उसी दिन शाही परिवार के मुखिया से मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री पद की शपथ लेता है। कुछ घंटों में ही ये काम पूरा हो जाता है।

वहीं, भारत में रिजल्ट की घोषणा होने के बाद जिस पार्टी या गठबंधन को बहुमत मिलता है उसके नेता को प्रधानमंत्री बनने के लिए न्योता भेजा जाता है। प्रधानमंत्री को भारत के राष्ट्रपति शपथ दिलाते हैं।

इसके बाद पावर ट्रांसफर की प्रक्रिया पूरी मानी जाती है और नई सरकार कामकाज शुरू करती है। पिछले 5 चुनावों में पावर ट्रांसफर की प्रक्रिया नतीजों के बाद 4 से 10 दिन में पूरी हो गई।

अमेरिका में ऐसा नहीं होता, पावर ट्रांसफर प्रक्रिया पूरी होने में 72 से 78 दिन लग जाते हैं। इस बार अमेरिका में पावर ऑफ ट्रांसफर में 75 दिन लगेंगे। इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह अमेरिका का एक विशाल देश होना है।

अमेरिका को 1776 में आजादी मिली। उस वक्त ज्यादातर आबादी दूर-दराज के इलाकों में रहती थी। आने-जाने के साधन और रास्ते बेहद दुर्गम होते थे। चुनाव के बाद वोटों की गिनती, इलेक्टर्स की बैठक, कांग्रेस तक वोटों के पहुंचने में काफी वक्त लगता था। इसीलिए वोटिंग से शपथ ग्रहण के बीच इतना गैप रखा गया। ये गैप शुरुआती दिनों में 4 महीने का था।

1789 में पहले राष्ट्रपति के कार्यकाल की शुरुआत 30 अप्रैल से हुई थी। दूसरे राष्ट्रपति का कार्यकाल 4 मार्च 1793 से शुरू हुआ और फिर यही प्रथा बन गई। नवंबर में चुनाव होने के बाद मार्च तक काफी समय बर्बाद होता था। कैबिनेट बनाने के लिए इतने वक्त की जरूरत नहीं थी।

1933 में राष्ट्रपति फ्रैंकलिन डी रूजवेल्ट की शपथ से पहले 20वें संविधान संशोधन के जरिए 20 जनवरी को नए कार्यकाल के शुरुआत की तारीख तय की गई।

सवाल 4: व्हाइट हाउस के पर्दे बदलने से लेकर नए राष्ट्रपति को नेशनल सिक्योरिटी समझाने तक पावर ट्रांसफर में क्या-क्या होता है? जवाब: नए राष्ट्रपति को 4 हजार से ज्यादा पॉलिटिकल अपॉइंटमेंट करने पड़ते हैं। इनमें से लगभग 1000 हजार को सीनेट की मंजूरी चाहिए होती है।

नए कर्मचारियों के लिए ऑफिस और ईमेल आईडी बनानी पड़ती हैं, उन्हें नई जिम्मेदारियों को लेकर ब्रीफ किया जाता है। राष्ट्रपति को नेशनल सिक्योरिटी पॉलिसी की जानकारी दी जाती है। ये सब काम पूरा होने में वक्त लगता है, इसलिए पावर ट्रांसफर के लिए 2 महीने का समय तय किया गया है।

साधारण तौर पर पावर ट्रांसफर की प्रक्रिया चुनाव के बाद नवंबर में ही शुरू हो जाती है पर 2020 में ऐसा नहीं हुआ। ट्रम्प ने चुनाव के 3 हफ्तों तक पावर ट्रांसफर की प्रक्रिया शुरू नहीं होने दी थी।

हालांकि ट्रम्प ऐसा करने वाले पहले राष्ट्रपति नहीं हैं, 1932 के चुनाव की बात है। डेमोक्रेटिक पार्टी के फ्रैंकलिन रूजवेल्ट ने रिपब्लिकन पार्टी के हर्बर्ट हूवर को चुनाव में मात दी थी। ये अमेरिका में मंदी का दौर था। रूजवेल्ट ने इससे निपटने के लिए कुछ ऐलान किए थे, लेकिन हूवर को वे पसंद नहीं थे।

रूजवेल्ट को प्लान पर काम करने से रोकने के लिए हूवर ने पावर ट्रांसफर में देरी कराने की कोशिश की। उस वक्त पावर ट्रांसफर का समय भी 4 महीने का था। इसी घटना के बाद उसे घटाकर ढाई महीने किया गया।

सवाल 5: ट्रम्प के शपथ ग्रहण समारोह में कौन-कौन मौजूद रहेंगे? जवाब: अमेरिकी राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में पूर्व राष्ट्रपतियों के मौजूद रहने की परंपरा है। हालांकि पिछली बार ट्रम्प ने बाइडेन के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा नहीं लिया था। वह अमेरिका के 150 साल के इतिहास में पहले ऐसे राष्ट्रपति थे, जिन्होंने ऐसा किया था। ट्रम्प की गैरमौजूदगी में राष्ट्रपति की जिम्मेदारी तत्कालीन उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने निभाई थी।

ट्रम्प के शपथ ग्रहण समारोह में राष्ट्रपति जो बाइडेन उनकी पत्नी जिल बाइडेन, उप राष्ट्रपति कमला हैरिस और उनके पति डग एमहॉफ रहेंगे। इस बार शपथ ग्रहण समारोह में पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा, जॉर्ज डब्ल्यू बुश उनकी पत्नी लौरा बुश और बिल क्लिंटन और हिलेरी क्लिंटन के भी मौजूद रहने की बात कही जा रही है। मिशेल ओबामा समारोह में मौजूद नहीं रहेंगी।

साल 2017 में बाइडेन के शपथ ग्रहण समारोह में ट्रम्प की गैर मौजूदगी में राष्ट्रपति की जिम्मेदारी निभाते उपराष्ट्रपति पेंस।

साल 2017 में बाइडेन के शपथ ग्रहण समारोह में ट्रम्प की गैर मौजूदगी में राष्ट्रपति की जिम्मेदारी निभाते उपराष्ट्रपति पेंस।

सवाल 6 : शपथ के बाद कहां रहेंगे ट्रम्प ? जवाब: अमेरिका में पद संभालने के बाद राष्ट्रपति का व्हाइट हाउस में रहना जरूरी है। यह अमेरिकी राष्ट्रपति का आधिकारिक निवास और ऑफिस होता है। जॉर्ज वॉशिंगटन अमेरिका के एकमात्र राष्ट्रपति थे जो कभी व्हाइट हाउस में नहीं रहे। दरअसल उनके राष्ट्रपति रहने के दौरान 1792 में इसका निर्माण शुरू हुआ था। इसका काम 1800 में पूरा हुआ। तब तक वॉशिंगटन पद छोड़ चुके थे।

जॉन एडम्स पहले राष्ट्रपति थे जो व्हाइट हाउस में रहे। वे अमेरिका के दूसरे राष्ट्रपति थे। आमतौर पर शपथ लेने से पहले ही राष्ट्रपति व्हाइट हाउस में आ जाते हैं और वहीं से शपथ ग्रहण कार्यक्रम में पहुंचते हैं।

लेकिन 2017 में ट्रम्प ने ऐसा नहीं किया था। वे शपथ के बाद ही व्हाइट हाउस में दाखिल हुए थे। इस बार भी वे शपथ के बाद ही व्हाइट हाउस जा रहे हैं।

सवाल 7: नए राष्ट्रपति के स्वागत में कैसे होती है व्हाइट हाउस की सजावट?

जवाब: अमेरिका में सत्ता में आने वाला राष्ट्रपति न सिर्फ पिछली सरकार की पॉलिसीज बदलता है। बल्कि नए राष्ट्रपति व्हाइट हाउस में पर्दों से लेकर कार्पेट तक पूरे डेकोर को भी बदलवा सकते हैं। व्हाइट हाउस में क्या-क्या बदलेगा ये नए राष्ट्रपति की पसंद-नापसंद पर निर्भर करता है।

2021 में जब बाइडेन बतौर राष्ट्रपति व्हाइट हाउस पहुंचे तो उन्होंने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति एंड्रयू जैक्सन और ब्रिटिश पीएम विंस्टन चर्चिल की तस्वीर को हटवा दिया था। इन तस्वीरों को ट्रम्प ने लगवाया था। ट्रम्प जैक्सन को अपना आदर्श मानते थे।

बाइडेन ने राष्ट्रपति की कुर्सी बदलवाई थी और वर्किंग टेबल पर रखे उस लाल बटन को भी हटवा दिया था, जिसे ट्रम्प बटलर को बुलाने के लिए इस्तेमाल करते थे। व्हाइट हाउस में एंट्री के बाद वहां के डेकोर में बदलाव करवाने वाले बाइडेन इकलौते राष्ट्रपति नहीं थे।

ओबामा के समय व्हाइट हाउस के पर्दों का रंग मैरून था, ट्रम्प ने इन्हें बदलवाकर गोल्डन करवाया था।

ओबामा के समय व्हाइट हाउस के पर्दों का रंग मैरून था, ट्रम्प ने इन्हें बदलवाकर गोल्डन करवाया था।



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