वॉशिंगटन डीसी12 मिनट पहले
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ट्रम्प ने कहा कि हार्वर्ड कोअब दुनिया के श्रेष्ठ यूनिवर्सिटी या कॉलेजों की किसी भी लिस्ट में नहीं गिना जाना चाहिए।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बार फिर से हार्वर्ड यूनिवर्सिटी पर निशाना साधा है। उन्होंने बुधवार को कहा है कि यह यूनिवर्सिटी एक मजाक है और यह सिर्फ वोक कर्मचारियों की भर्ती कर रहा है।
हाल के कुछ समय से दक्षिणपंथी ग्रुप्स वोक का इस्तेमाल प्रगतिशील मूल्यों को मजाक उड़ाने के लिए कर रहे हैं।
ट्रम्प का यह बयान ऐसे वक्त पर आया है जब उन्होंने इससे पहले हाल ही हार्वर्ड की 18 हजार करोड़ रुपए की फंडिंग रोक दी थी और उसका टैक्स फ्री दर्जा खत्म करने की बात कही थी।
ट्रम्प ने न्यूयॉर्क और शिकागो के डेमोक्रेटिक मेयर बिल डी ब्लासियो और लोरी एलेन लाइटफुट की भी आलोचना की। उन्होंने कहा-

हर कोई जानता है कि हार्वर्ड रास्ते से भटक गया है। उन्होंने न्यूयॉर्क और शिकागो से भारी वेतन हमारे देश के दो सबसे खराब और सबसे अयोग्य मेयर (महापौरों) को म्यूनिसपल मैनेजमेंट और गवर्नेंस सिखाने के लिए नियुक्त किया है। इन दोनों कट्टरपंथी वामपंथी मूर्खों ने दो ऐसे शहर छोड़ें है, जिन्हें अपनी अयोग्यता और बुराई से उबरने में कई साल लगेंगे।
हार्वर्ड मूर्ख लोगों को काम पर रख रहा ट्रम्प ने कहा कि हार्वर्ड लगभग पूरी तरह से वोक, कट्टरपंथी वामपंथी, मूर्ख और ‘पक्षपाती’ लोगों को काम पर रख रहा है, जो छात्रों और भविष्य के नेताओं को सिर्फ नाकामी का पाठ पढ़ाएंगे। इन वामपंथी मूर्खों की जैसे कई अन्य लोग हार्वर्ड में पढ़ा रहे हैं। इस वजह से हार्वर्ड को अब सीखने की एक सही जगह नहीं माना जा सकता है।
इसे दुनिया के श्रेष्ठ यूनिवर्सिटी या कॉलेजों की किसी भी लिस्ट में नहीं गिना जाना चाहिए। हार्वर्ड एक मजाक है जो नफरत और मूर्खता सिखाता है। इसे अब सरकारी पैसा नहीं मिलना चाहिए।

अक्टूबर 2023 में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में फिलिस्तीन के समर्थन और इजराइल के विरोध में हुई रैली।
ट्रम्प ने हार्वर्ड की 2.2 अरब डॉलर की फंडिंग रोकी इससे पहले ट्रम्प ने सोमवार को हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की 2.2 अरब डॉलर (करीब 18 हजार करोड़ रुपए) की फंडिंग रोक दी है। यह कार्रवाई इसलिए हुई क्योंकि हार्वर्ड ने व्हाइट हाउस की उन मांगों को मानने से इनकार कर दिया जिनका मकसद कैंपस में यहूदी विरोधी गतिविधियों पर सख्ती करना था।
ट्रम्प प्रशासन ने 3 अप्रैल को यूनिवर्सिटी के सामने मांग रखी थी कि यूनिवर्सिटी के गवर्नेंस, एडमिशन और हायरिंग प्रोसेस पर सरकार को नियंत्रण दिया जाए और इनमें बड़ा बदलाव किया जाए।
इसके अलावा डाइवर्सिटी ऑफिस बंद करने और अंतरराष्ट्रीय छात्रों की जांच में इमिग्रेशन अफसरों की मदद करने की मांग भी रखी गई थी।
हार्वर्ड ने इन मांगों को गैरकानूनी और असंवैधानिक बताते हुए खारिज कर दिया था। इसके बाद सोमवार रात को ट्रम्प प्रशासन ने हार्वर्ड को बताया कि उसकी 2 अरब डॉलर से ज्यादा की फेडरल फंडिंग रोका जा रहा है।

यूनिवर्सिटी में फिलिस्तीनी झंडा फहराया था
गाजा में जारी इजराइल-हमास जंग के खिलाफ पिछले साल अमेरिका की कई यूनिवर्सिटीज में फिलिस्तीन के समर्थन में प्रदर्शन हुए थे। इन प्रदर्शनों में हजारों छात्रों ने हिस्सा लिया था। AP की रिपोर्ट के मुताबिक 1000 से ज्यादा छात्र गिरफ्तार भी हुए।
इस दौरान हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में छात्रों ने फिलिस्तीनी झंडा फहराया था। यूनिवर्सिटी ने इसे पॉलिसी के खिलाफ बताते हुए छात्रों के खिलाफ एक्शन लेने की बात कही थी।

पिछले साल हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में जॉन हार्वर्ड स्टैच्यू के ऊपर अमेरिकी झंडे की जगह फिलिस्तीन का झंडा फहराते छात्र।
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