वाशिंगटन6 मिनट पहले
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अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारतवंशी कश्यप काश पटेल को जांच एजेंसी ‘फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टीगेशन (FBI) का अगला डायरेक्टर नियुक्त किया है। ट्रम्प ने इसकी घोषणा शनिवार को उनके सोशल मीडिया प्लेटफार्म ट्रुथ सोशल पर पोस्ट करते हुए की।
इस पोस्ट में ट्रम्प ने काश पटेल के पिछले कामों की तारीफ भी की। इससे पहले काश पटेल ट्रम्प के पहले कार्यकाल के दौरान रक्षा मंत्रालय में चीफ ऑफ स्टाफ, नेशनल इंटेलीजेंस में डिप्टी डायरेक्टर और नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल में आतंकवाद विरोधी कार्यक्रमों के सीनियर डायरेक्टर के तौर पर काम कर चुके हैं।
काश पटेल को बताया अमेरिका फर्स्ट फाइटर
ट्रम्प ने कहा कि मुझे गर्व है कि कश्पय काश पटेल FBI के अगले डायरेक्टर के तौर पर काम करेंगे। काश एक शानदार वकील, इन्वेस्टीगेटर हैं। काश पटेल की तारीफ करते हुए ट्रम्प ने उन्हें ‘अमेरिका फर्स्ट’ वाला फाइटर बताया। ट्रम्प ने कहा कि काश पटेल ने अपना करियर भष्ट्राचार को उजागर करते, न्याय और अमेरिकी लोगों की रक्षा करते हुए बिताया है।
ट्रम्प ने कहा कि अमेरिका में बढ़ते क्राइम रेट, क्रिमिनल गैंग और बॉर्डर पर होने वाली मानव और ड्रग तस्करी जैसे अपराधों से निपटने के लिए काश पटेल को ये जिम्मेदारी दी गई है। काश पटेल अटॉर्नी जनरल पाम बॉन्डी के अंडर काम करेंगे।
गुजराती परिवार में जन्मे, माता पिता युगांडा से भागे
काश पटेल भारतीय प्रवासी के बेटे हैं। उनका जन्म एक गुजराती परिवार में हुआ था। काश पटेल के माता-पिता युगांडा के शासक ईदी अमीन के देश छोड़ने के फरमान से डरकर 1970 के दशक में भागकर कनाडा के रास्ते अमेरिका पहुंचे थे। 1988 में पटेल के पिता को अमेरिका की नागरिकता मिलने के बाद एक एरोप्लेन कंपनी में नौकरी मिली।
2004 में कानून की डिग्री हासिल करने के बाद जब पटेल को किसी बड़े लॉ फर्म में नौकरी नहीं मिली तो उन्होंने एक सरकारी वकील के तौर पर काम करना शुरू कर दिया। हालांकि ड्रीम जॉब के लिए उन्हें 9 साल तक इंतजार करना पड़ा।
काश पटेल 2013 में वॉशिंगटन में न्याय विभाग में शामिल हुए। यहां तीन साल बाद 2016 में पटेल को खुफिया मामले से जुड़ी एक स्थायी समिति में कर्मचारी के रूप में नियुक्त किया गया। इस विभाग के चीफ डेविड नून्स थे, जो ट्रम्प के कट्टर सहयोगी थे।
पटेल को 2016 के चुनाव में रूसी हस्तक्षेप को लेकर बनी एक समिति में शामिल किया गया। इस पर काम करने के दौरान ही वे पहली बार ट्रम्प की नजर में आए थे।
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रपति रहने के दौरान ट्रम्प ने 2019 में जो बाइडेन के बेटे के बारे में जानकारी जुटाने के लिए यूक्रेन पर दबाव बनाया था। इस वजह से विपक्ष उन पर नाराज हो गया। किसी कानूनी पचड़े से बचने के लिए ट्रम्प ने इस मामले में मदद के लिए सलाहकारों की एक टीम बनाई। इसमें काश पटेल का भी नाम शामिल था। तब उनका नाम देख हर किसी को हैरानी हुई थी।
काश पटेल 2019 में ट्रम्प प्रशासन से जुड़ने के बाद तरक्की की सीढ़ियां चढ़ते गए। ट्रम्प प्रशासन में वे सिर्फ 1 साल 8 महीने रहे, लेकिन सबकी नजरों में आ गए। मैगजीन द अटलांटिक की एक रिपोर्ट में पटेल को ‘ट्रम्प के लिए कुछ भी करने वाला’ शख्स बताया गया है।
ट्रम्प प्रशासन में जहां पहले से लगभग सभी लोग ट्रम्प के वफादार थे, वहां भी उन्हें ट्रम्प के सबसे वफादार लोगों में गिना जाने लगा था। यही वजह है कि कई अधिकारी उनसे डरते थे।
काश पटेल ने ट्रम्प के लिए कई गाने भी लिखे हैं, जिसमें उन्हें देशभक्त बताया गया है।
ट्रम्प पर किताब लिखी, उसमें भी मददगार बने
काश पटेल नेशनल इंटेलिजेंस के डायरेक्टर के सीनियर एडवाइजर के तौर पर काम कर चुके हैं। इस दौरान वे 17 खुफिया एजेंसियों का कामकाज देखते थे। इस पद को संभालने के दौरान पटेल कई अहम मामलों में शामिल थे। वे ISIS लीडर्स, अल-कायदा के बगदादी और कासिम अल-रिमी जैसे नेताओं के खात्मे के अलावा कई अमेरिकी बंधकों को वापस लाने के मिशन में भी शामिल रहे हैं।
ट्रम्प के पद छोड़ने के बाद काश पटेल पूर्व राष्ट्रपति के एजेंडे को बढ़ाने की कोशिश करते रहे हैं। काश ने “गवर्नमेंट गैंगस्टर्स: द डीप स्टेट, द ट्रुथ, एंड द बैटल फॉर आवर डेमोक्रेसी” नाम की एक किताब लिखी है। इसमें उन्होंने बताया है कि सरकार में किस कदर भ्रष्टाचार फैला हुआ है।
काश पटेल ने ट्रम्प को बच्चों के बीच लोकप्रिय बनाने के लिए एक किताब द प्लॉट अगेंस्ट द किंग भी लिखी है। इसमें उन्होंने एक जादूगर का किरदार निभाया है, जो हिलेरी क्लिंटन से ट्रम्प को बचाने में उनकी मदद करता है। कहानी के अंत में जादूगर लोगों को यकीन दिलाने में कामयाब हो जाता है कि ट्रम्प ने हिलेरी क्लिंटन को धोखा देकर सत्ता हासिल नहीं की है।
काश पटेल, डोनाल्ड ट्रम्प के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ’ का कामकाज भी देखते हैं। पटेल ने 2022 फीफा विश्व कप के दौरान कतर के लिए सुरक्षा सलाहकार के रूप में भी काम किया था।
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