मॉस्को8 मिनट पहले
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प यूक्रेन जंग खत्म करने के लिए कल रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात करेंगे। अमेरिका के रूस के सामने 30 दिन के सीजफायर का प्रस्ताव रखा है।
ट्रम्प ने मीडिया से कहा कि हम यह हम देखना चाहते हैं कि क्या हम उस युद्ध को समाप्त कर सकते हैं। हो सकता है कि हम कर सकें, हो सकता है कि हम न कर सकें, लेकिन मुझे लगता है कि हमारे पास मंगलवार को राष्ट्रपति पुतिन से बात करने का अच्छा मौका है।
यूक्रेन राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्की 30 दिन के सीजफायर प्रस्ताव पर सहमत हैं। रूस ने भी सैद्धांतिक तौर पर सहमति जताई है, लेकिन राष्ट्रपति पुतिन का कहना है किसी भी समझौते पर साइन करने से पहले कुछ शर्तों को मानना होगा।
रूसी उप विदेश मंत्री अलेक्जेंडर ग्रुश्को का कहना है कि हमें इस बात की ठोस गारंटी मिलनी चाहिए कि यूक्रेन न्यूट्रल पोजिशन में रहेगा, नाटो देशों यह वादा करना होगा कि वो यूक्रेन को मेंबरशिप नहीं देंगे।
उन्होंने कहा- इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि नाटो फोर्सेज किस लेबल के तहत यूक्रेनी इलाके में तैनात की गई हैं।
ट्रम्प बोले- पुतिन यूक्रेनी सैनिकों की जिंदगी बख्श दें ट्रम्प ने पिछले शुक्रवार को कहा था कि यूक्रेन जंग रोकने लिए राष्ट्रपति पुतिन से अच्छी बात हुई थी। उन्होंने कहा कि ऐसी उम्मीद है कि ये जंग बहुत जल्दी खत्म हो जाएगी।
ट्रम्प ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा, हमारी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बहुत अच्छी और सार्थक बातचीत हुई, और इस भयानक युद्ध के अंत की बहुत अच्छी संभावना है।
ट्रम्प ने लिखा कि हजारों यूक्रेनी सैनिक पूरी तरह से रूसी सेना से घिरे हुए है, वो बहुत ही खराब और असुरक्षित स्थिति में हैं। मैंने राष्ट्रपति पुतिन से अपील की है कि इन सैनिकों की जान बख्शी जाए। यह एक नरसंहार होगा, जैसा कि सेकेंड वर्ल्ड वॉर के बाद कभी नहीं देखा गया।
अमेरिकी राजदूत ने पुतिन के साथ बैठक की थी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका की तरफ से ट्रम्प के विशेष प्रतिनिधि स्टीव विटकॉफ ने बीते गुरुवार मॉस्को में राष्ट्रपति पुतिन से लंबी बैठक की थी। ट्रुथ सोशल पोस्ट में यह नहीं बताया गया कि ट्रंप और पुतिन ने आपस में बात की या नहीं।
हालांकि, क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि पुतिन ने इस बैठक में विटकॉफ के जरिए ट्रंप को संदेश भेजा। उन्होंने यह भी कहा कि रूस और अमेरिका मिलकर तय करेंगे कि उनके राष्ट्रपतियों के बीच फोन पर बातचीत कब होगी।