अपर सत्र न्यायाधीश विजय कुमार शर्मा की अदालत ने विदेशी साइबर ठगों को बैंक खाते उपलब्ध कराने वाले आरोपियों विशाल भट्ट और यशपाल भट्ट की जमानत अर्जी खारिज कर दी है। यह दोनों सगे भाई राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के गुलाबपुरा के निवासी हैं। इन पर आरोप है कि
.
जानकारी के अनुसार आरोपियों ने एक वीडियो कॉल के जरिए पीड़ित मनोज भुरारिया को यह विश्वास दिलाया था कि वह आरबीआई और मुंबई क्राइम ब्रांच के अधिकारी हैं और उनके खिलाफ ताईवान से भेजे जा रहे ड्रग्स के आरोप में कार्रवाई हो रही है। पीड़ित को डिजिटल अरेस्ट कर विभिन्न खातों में रुपए जमा करने के लिए मजबूर किया गया था।
पूछताछ में आरोपी यशपाल भट्ट ने पुलिस को बताया कि-
वह और उसका भाई विशाल खाताधारकों को अधिक पैसे कमाने का लालच देकर उनके बैंक खाते खरीदते थे, जिन्हें बाद में साइबर ठगों को बेच देते थे। दोनों आरोपियों को अब न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
मनोज भुरारिया ने 31 जनवरी 2024 को क्राइम ब्रांच थाना में शिकायत दर्ज कराई थी। उसने बताया कि 24 जनवरी 2024 को उसे फोन कॉल आया था, जिसमें मुंबई क्राइम ब्रांच के अधिकारी के नाम से उसे झांसा दिया गया। इसके बाद उसे विभिन्न खातों में कुल 68 लाख 49 हजार रुपए जमा करने के लिए कहा गया। बाद में पीड़ित ने यह मामला पुलिस में दर्ज कराया, जिसके बाद आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया।