11 गांव के 118 परिवारों ने डीसी कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया।
पूर्वी सिंहभूम स्थित डुमरिया प्रखंड के 11 गांव के 118 परिवारों ने डीसी कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया। ग्राम प्रधान द्वारा इन परिवारों को समाज से बहिष्कृत कर दिया गया है।
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लोगों ने डीसी ऑफिस में ज्ञापन सौंपते हुए अपनी समस्या के निराकरण की मांग की। आने वाले 15-20 दिनों में उन्हें समाज से बहिष्कृत करने का मामला खत्म नहीं हुआ तो धर्म परिवर्तन करने की चेतावनी दी।
छोटी-छोटी बातों पर ग्राम प्रधान जुर्माना लगा देते हैं
समाज से बहिष्कृत परिवारों के निशाने पर संबंधित गांव के ग्राम प्रधान ही है। प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे ढुकाई मार्डी ने कहा कि छोटी-छोटी बातों पर ग्राम प्रधान 3000, 5000 व 10 हजार रुपए का जुर्माना लगा देते हैं।
118 परिवारों के बच्चों का जाति, आवासीय व आय प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहा है।
ग्राम प्रधान आवेदन को फॉरवर्ड ही नहीं करते
एक प्रखंड में एक ही ग्राम प्रधान की मांग भी रखी। डीसी को सौपे गए ज्ञापन में कहा गया- 118 परिवारों के बच्चों का जाति, आवासीय व आय प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहा है। ग्राम प्रधान उनके आवेदन को फॉरवर्ड ही नहीं करते हैं। सरकारी योजनाओं का लाभ भी नहीं मिल पा रहा है। इस कारण बच्चों का भविष्य प्रभावित हो रहा है।

गुड़ा प्रधान को सरकारी मान्यता देने की मांग डीसी से की गई है।
सर्वसम्मति से गुड़ा हेंब्रम को नया ग्राम प्रधान चुना
13 अप्रैल को डुमरिया के छोटा अस्ती गांव में सुनाराम हेंब्रम कीअध्यक्षता में बैठक हुई थी। उसमें 11 गांव के बहिष्कृत परिवार शामिल हुए थे। लोगों से सर्वसम्मति से गुड़ा हेंब्रम को नया ग्राम प्रधान चुना है। गुड़ा प्रधान को सरकारी मान्यता देने की मांग डीसी से की गई है ताकि सरकारी कार्यों में परेशानी नहीं हो। सांसद विद्युत वरण महतो ने भी इन बहिष्कृत परिवार के समर्थन में डीसी अनन्य मित्तल को पत्र लिख कर निदान करने का आग्रह किया।