गिरिडीह जिले के डुमरी प्रखंड में कार्यरत पंचायत सचिव सुखलाल महतो की रिम्स रांची में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। उन्होंने प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या का प्रयास किया था।
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रविवार देर रात उनका शव डुमरी लाया गया। शव पहुंचते ही परिजन और ग्रामीण आक्रोशित हो उठे। सोमवार सुबह से उन्होंने डुमरी प्रखंड मुख्यालय के सामने धरना देना शुरू कर दिया।
प्रखंड मुख्यालय में धरना पर बैठे लोग
परिजनों के साथ सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण धरने पर बैठे रहे। इस दौरान डुमरी विधायक जयराम महतो भी मौके पर पहुंचे और आंदोलन का समर्थन किया। उन्होंने प्रशासन से परिजनों की मांगें मानने की अपील की। विधायक की मौजूदगी में धरना और ज्यादा प्रभावशाली हो गया, जिससे प्रशासन हरकत में आया।
जांच टीम ने की बातचीत
घटना को लेकर उपायुक्त की ओर से सरिया-बगोदर एसडीएम संतोष गुप्ता के नेतृत्व में एक जांच टीम डुमरी भेजी गई। टीम ने धरना स्थल पर पहुंचकर प्रदर्शनकारियों से बातचीत की। सुखलाल महतो के सुसाइड नोट में डुमरी बीडीओ समेत तीन लोगों पर प्रताड़ना का आरोप लगाया गया था। परिजनों की मांग थी कि सभी आरोपियों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज की जाए।

किसी भी उग्र आंदोलन की आशंका को देखते हुए पुलिस बल तैनात किया गया था।
परिजनों को मिला आश्वासन
प्रशासन ने सभी आरोपियों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज करने की सहमति दे दी। साथ ही आश्रित को सरकारी नौकरी देने की मांग भी मान ली गई। एसडीएम संतोष गुप्ता ने बताया कि मृतक की विधवा पत्नी की सहमति से एक आश्रित को जिले में स्थाई पद पर नियुक्त किया जाएगा। अनापत्ति प्रमाण पत्र और जरूरी दस्तावेज जमा करने के बाद 15 दिनों के भीतर नियुक्ति प्रक्रिया पूरी की जाएगी।

प्रदर्शन के दौरान डूमरी विधायक जयराम महतो मौजूद रहे।
धरना समाप्त, अंतिम संस्कार किया गया
परिजनों और ग्रामीणों की सभी मांगें माने जाने के बाद धरना समाप्त कर दिया गया। इसके बाद सुखलाल महतो का पार्थिव शरीर अंतिम संस्कार के लिए कुलगो नदी घाट ले जाया गया। अंतिम विदाई में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए और दुख जताया।