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डॉक्टर से रेप या गैंगरेप, CBI एम्स की मदद लेगी: पूर्व प्रिंसिपल का दोबारा पॉलीग्राफ टेस्ट हुआ, मनी लॉन्ड्रिंग केस में ED ने FIR दर्ज की


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कोलकाता/नई दिल्ली2 मिनट पहले

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कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर से रेप और मर्डर केस में जांच एजेंसी सीबीआई दिल्ली एम्स के एक्सपर्ट्स की मदद लेगी। डीएनए और फोरेंसिक रिपोर्ट से पता लगाया जाएगा कि वारदात में संजय रॉय ही एकमात्र आरोपी है या इसमें अपराध में अन्य लोग भी शामिल हैं। इस तरह ये साफ हो जाएगा कि लेडी डॉक्टर से रेप हुआ था फिर गैंगरेप।

CBI ने कोलकाता की एक अदालत से एएसआई अनूप दत्ता पर पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की परमिशन मांगी है। इसमें पता लगाया जाएगा कि क्या दत्ता ने क्राइम को छिपाने में मुख्य आरोपी संजय रॉय की मदद की थी।

उधर, सोमवार को मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष का फिर पॉलीग्राफ टेस्ट किया गया। इसमें घोष ने CBI को कौन सी बातें बताईं, अभी तक इसकी जानकारी सामने नहीं आई है। इससे पहले 24 अगस्त को उनका और 4 फेलो डॉक्टर के साथ एक वॉलंटियर का पॉलीग्राफ टेस्ट किया गया था।

दरअसल, आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 9 अगस्त को ट्रेनी डॉक्टर का रेप-मर्डर हुआ था। अस्पताल के सेमिनार हॉल में उनकी बॉडी मिली थी। इस मामले में सिविक वॉलंटियर संजय रॉय को अब तक गिरफ्तार किया गया है।

ED ने भी पूर्व प्रिंसिपल के खिलाफ केस दर्ज किया
केंद्रीय जांच एजेंसी CBI के बाद अब ED ने संदीप घोष के खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं की जांच करेगी। उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया गया है।

ED ने यह कार्रवाई CBI की एफआईआर के आधार पर की है। 25 अगस्त को CBI ने संदीप घोष के घर छापा मारा था। एजेंसी ने घोष और उनसे जुड़े लोगों के 15 ठिकानों पर तलाशी ली थी।

CBI ने 24 अगस्त को घोष के खिलाफ वित्तीय अनियमितता का मामला दर्ज किया था। CBI ने यह कार्रवाई कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश पर की थी।

दरअसल, मेडिकल कॉलेज के पूर्व उपाधीक्षक अख्तर अली ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर घोष के खिलाफ मेडिकल कॉलेज में वित्तीय गड़बड़ी का आरोप लगाया था।

इसके बाद हाई कोर्ट ने अस्पताल में भ्रष्टाचार के मामले की जांच का जिम्मा भी CBI को सौंप दिया था।

25 अगस्त को CBI ने संदीप घोष के घर छापा मारा था।

25 अगस्त को CBI ने संदीप घोष के घर छापा मारा था।

संजय रॉय घटना से पहले रेडलाइट एरिया गया, गर्लफ्रेंड से न्यूड तस्वीरें मांगीं
मुख्य आरोपी संजय रॉय ने 25 अगस्त को पॉलीग्राफ टेस्ट में अपना जुर्म कबूल कर लिया है। संजय ने कहा कि उसने रेप के बाद ट्रेनी डॉक्टर का मर्डर किया था। घटना को अंजाम देने से पहले वो रेड लाइट एरिया गया था। रास्ते में भी एक लड़की को छेड़ा और गर्लफ्रेंड से न्यूड तस्वीरें मांगी थीं।

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस कस्टडी में भी संजय ने रेप और मर्डर की बात स्वीकार की थी। संजय का यह कबूलनामा मर्डर और रेप के 18 दिन बाद आया है। 8 और 9 अगस्त की रात आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर का रेप और मर्डर हुआ था। 9 अगस्त की सुबह मेडिकल कॉलेज के सेमिनार हॉल में लड़की की अर्धनग्न बॉडी मिली थी।

संजय के पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए CBI और सेंट्रल फॉरेंसिक टीम कोलकाता के प्रेसीडेंसी जेल पहुंचने की तस्वीर।

संजय के पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए CBI और सेंट्रल फॉरेंसिक टीम कोलकाता के प्रेसीडेंसी जेल पहुंचने की तस्वीर।

3 घंटे पॉलीग्राफ टेस्ट, संजय ने कहीं 3 बातें…

1. CBI और सेंट्रल फोरेंसिक टीम के मेंबर्स ने रविवार (25 अगस्त) को 3 घंटे संजय का पॉलिग्राफ टेस्ट किया। संजय ने कबूला कि उसी ने ट्रेनी डॉक्टर का रेप करने के बाद हत्या की थी।

2. संजय ने पॉलीग्राफ टेस्ट के दौरान CBI को बताया कि उसने 8 अगस्त को अपने एक दोस्त के साथ शराब पी थी। इसके बाद वह रेड लाइट एरिया गया। रास्ते में उसने एक लड़की को मॉलेस्ट किया। इसके बाद संजय ने देर रात अपनी गर्लफ्रेंड से वीडियो कॉल पर बात की न्यूड तस्वीरें मांगीं।

3. संजय ने बताया कि सुबह करीब 4 बजे संजय हॉस्पिटल के सेमिनार हॉल पहुंचा, जहां ट्रेनी डॉक्टर के रेप और मर्डर के बाद वह सुबह अपने दोस्त के घर गया। उसका दोस्त कोलकाता पुलिस में ऑफिसर था।

जज से रोते हुए बोला था संजय- शायद पॉलिग्राफ टेस्ट से बेगुनाही साबित हो जाए

संजय रॉय को पुलिस ने 10 अगस्त को गिरफ्तार किया था।

संजय रॉय को पुलिस ने 10 अगस्त को गिरफ्तार किया था।

संजय को घटना के अगले ही दिन गिरफ्तार कर लिया गया था। संजय मेडिकल कॉलेज में ही सिविक वॉलंटियर था। पुलिस के बाद 14 अगस्त को ये केस CBI को हैंडओवर कर दिया गया था। इसके बाद उसे सियालदह कोर्ट में पेश किया गया। 23 अगस्त को अदालत ने संजय सहित 7 लोगों के पॉलीग्राफ टेस्ट की इजाजत दी थी। मजिस्ट्रेट के सामने रोते हुए उसने कहा- मैंने कोई क्राइम नहीं किया है। मुझे फंसाया जा रहा है। शायद पॉलीग्राफ टेस्ट से मेरी बेगुनाही साबित हो जाए।

CBI ने अदालत में दावा किया था कि गिरफ्तारी के बाद संजय ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। उसमें न कोई घबराहट नहीं थी और न ही कोई पछतावा। उसने बिना हिचकिचाहट के पूरी घटना बताई।

संजय ने सोने की इजाजत मांगी थी, कहा- लगातार पूछताछ से थक गया हूं
मुख्य आरोपी संजय रॉय को प्रेसीडेंसी करेक्शनल होम के VIP वार्ड में न्यायिक हिरासत में रखा गया है। यहीं पर बंगाल के पूर्व मंत्रियों पार्थ चटर्जी और ज्योतिप्रिया मलिक सहित अन्य चर्चित कैदी भी बंद हैं। हालांकि, संजय को उसने दूर रखा गया है।

संजय ने जेल प्रशासन से सोने की इजाजत मांगी थी। उसने कहा कि पिछले दो सप्ताह से कोलकाता पुलिस और CBI की लगातार पूछताछ के बाद वह थक गया हूं। शुरुआती दिनों में देर रात तक पूछताछ चलती थी। इसलिए सोना चाहता हूं।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा था- 30 साल में ऐसी लापरवाही नहीं देखी
पुलिस और हॉस्पिटल मैनेजमेंट के रवैये पर सुप्रीम कोर्ट ने भी सख्त टिप्पणी की थी। इस मामले में 22 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। CBI ने कोर्ट में कहा कि क्राइम सीन से छेड़छाड़ हुई है। कोर्ट ने कहा था कि सुबह 10:10 बजे पुलिस को खबर मिली कि एक ट्रेनी डॉक्टर अस्पताल में बेहोश हालत में मिली है। फिर पुलिस ने 6 और 7 बजे के बीच में शव का पोस्टमॉर्टम करवा दिया। लड़की का अंतिम संस्कार भी कर दिया गया, लेकिन FIR रात 11:45 बजे दर्ज की गई। FIR सबसे पहले होनी चाहिए थी। साथ ही इसमें ही अननैचुरल डेथ का जिक्र होना चाहिए था।

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