मां बम्लेश्वरी मंदिर रोपवे में एक बार फिर हादसा
डोंगरगढ़ के मां बम्लेश्वरी मंदिर रोपवे में बुधवार शाम एक बार फिर हादसा होते-होते बचा। स्टेशन पर पहुंचते समय खाली ट्रॉली अचानक डिरेल होकर एक तरफ झुक गई। यह घटना उसी स्थान पर हुई, जहां डेढ़ महीने पहले वीआईपी नेताओं से भरी ट्रॉली पलट गई थी।
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पिछली घटना में बीजेपी प्रदेश महामंत्री भरत वर्मा, पूर्व मंत्री रामसेवक पैकरा और मंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष मनोज अग्रवाल घायल हुए थे। उस समय प्रशासन और ट्रस्ट ने जांच और सुधार का वादा किया था। रोपवे कुछ दिन बंद रहने के बाद फिर से शुरू कर दिया गया था।
घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल
जानकारी के अनुसार, रोपवे को बिना पूर्ण जांच और ऑटोमैटिक सेफ्टी सिस्टम को केवल मैनुअल मोड में चलाया जा रहा है। मंदिर ट्रस्ट ने पहले घटना से इनकार किया। लेकिन वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद रोपवे का संचालन रोक दिया गया।
अब तक इतनी बार हो चुका है हादसा
रोपवे की सुरक्षा को लेकर यह पहली घटना नहीं है। फरवरी 2021 में एक मजदूर गोपी गोंड़ की रोपवे हादसे में मौत हो गई थी। अप्रैल 2024 में कलेक्टर और एसपी ट्रॉली में हवा में फंसे थे। मई 2024 में वीआईपी ट्रॉली पलटने की घटना हुई और अब यह नवीनतम घटना सामने आई है।
प्रशासन अब कंपनी, तकनीकी खामियों और बिजली विभाग पर दोष मढ़ने की कोशिश कर रहा है। जबकि मंदिर ट्रस्ट खुद को निर्दोष साबित करने में जुटा है।
डोंगरगढ़ एसडीएम मनोज मरकाम ने बताया कि ट्रस्ट के अध्यक्ष द्वारा जानकारी दी गई है कि रोपवे के एक डिब्बे के डीरेल होने की घटना घटी है। हालांकि, इसमें कोई जनहानि नहीं हुई है, क्योंकि रोपवे उस समय खाली था। यह घटना रोपवे के नीचे उतरने के दौरान हुई।
एनआईटी की सिफारिश पर रोपवे को मैन्युअल चलाया जा रहा था
पूर्व की एक घटना में एनआईटी द्वारा जांच की गई थी, जिसमें यह सुझाव दिया गया था कि इस रोपवे को मैन्युअल मोड में भी संचालित किया जा सकता है। एनआईटी की सिफारिश के आधार पर ट्रस्ट और कंपनी द्वारा रोपवे को मैन्युअल रूप से चलाया जा रहा था। घटना के बाद रोपवे संचालन को फिलहाल बंद कर दिया गया है और सुरक्षा की दृष्टि से पुनः जांच की जाएगी। जांच के उपरांत सभी सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखते हुए ही रोपवे को दोबारा प्रारंभ किया जाएगा।