जबलपुर के तहसीलदार तत्कालीन पीठासीन अधिकारी हरीसिंह दुबे के खिलाफ दर्ज एफआईआर के बाद मध्यप्रदेश राजस्व कनिष्ठ अधिकारी प्रशासनिक सेवा संघ से जुड़े राजस्व विभाग के तहसीलदार और नायब तहसीलदारो ने काम बंद कर दिया है। जिससे तहसील न्यायालय से जुड़े जनसामान्य
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दरअसल, तहसीलदार और नायब तहसीलदार, इससे नाराज है कि न्यायाधीश संरक्षण अधिनियम के तहत राजस्व न्यायालय को भी संरक्षण प्राप्त है, बावजूद इसके न्यायालीयन प्रक्रिया के तहत पारित आदेश पर तहसीलदार और पीठासीन अधिकारी हरीसिंह दुबे पर अपराध पंजीबद्व किया गया। इसके खिलाफ जिले के सभी तहसीलदारों और नायब तहसीलदारो के हड़ताल पर चले जाने के कारण तहसील न्यायालय बंद हो गया है। जिससे तहसील न्यायालय में पेशी में आए आवेदकों को बिना सुनवाई के वापस लौटना पड़ा।
अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गए तहसीलदार
बोदा निवासी यादोराव पेंढारकर ने बताया, ‘जमीन बंटवारे को लेकर आज पेशी थी लेकिन यहां आने पर पता चला कि तहसीलदार साहब छुट्टी पर है। इसलिए आज पेशी नहीं हुई और आगामी समय की पेशी तारीख दे दी गई। सुनवाई नहीं होने से निराश होकर वापस लौट रहे है।’
तहसीलदार भूपेन्द्र अहिरवार ने बताया, ‘जबलपुर तहसीलदार तत्कालीन पीठासीन अधिकारी हरीसिंह दुबे पर एफआईआर होने से प्रदेश संगठन के आह्रवान पर जिले के सभी तहसीलदार और नायब तहसीलदार सामूहिक अवकाश लेकर काम बंद हड़ताल पर है। जिससे तहसील न्यायालय के प्रकरणो बंटवारे, सीमांकन, नामांतरण, जाति और आय प्रमाण पत्र सहित अन्य काम बंद है। हमने आपदा राहत के कार्यो को बंद नहीं किया है, वह काम चलता रहेगा।’