Friday, December 27, 2024
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तिरुपति लड्‌डू विवाद- 28 सितंबर को मंदिर जाएंगे जगन रेड्‌डी: TDP बोली- पहले बालाजी में आस्था घोषित करें; CM रहते उन्होंने ऐसा कभी नहीं किया


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तिरुपति35 मिनट पहले

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तस्वीर सितंबर 2020 की है, जब CM रहते हुए जगन मोहन रेड्‌डी तिरुपति मंदिर में भगवान बालाजी की दर्शन करने पहुंचे थे।

YSR कांग्रेस पार्टी चीफ और आंध्रप्रदेश के पूर्व CM जगन मोहन रेड्डी 28 सितंबर को तिरुमला पहाड़ी पर स्थित भगवान वेंकटेश्वर के मंदिर जाएंगे। यह तिरुपति प्रसादम में एनिमल फैट मिलाए जाने के आरोपों के बीच जगन की पार्टी की अपील पर राज्य में होने वाले मंदिर अनुष्ठान का हिस्सा है।

जगन मोहन के इस ऐलान पर TDP ने कहा कि उन्हें मंदिर में एंट्री तभी मिलेगी, जब वे मंदिर के उस घोषणापत्र पर साइन करेंगे, जिसमें लिखा होता है कि उन्हें भगवान बालाजी पर विश्वास है। इतने साल से वे साइन किए बिना ही मंदिर में गए हैं।

दरअसल, तिरुपति मंदिर में घोषणापत्र पर हस्ताक्षर करना अन्य धर्मों के उन लोगों के लिए एक प्रथा है जो भगवान बालाजी के दर्शन करना चाहते हैं। एपी राजस्व बंदोबस्ती-1 के तहत गैर हिंदुओं को दर्शन से पहले वैकुंठम परिसर में यह घोषणा करनी होती है।

इधर, तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ने मिलावटी घी देने वाली तमिलनाडु की एआर डेयरी के खिलाफ तिरुपति ईस्ट पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करा दी है। मामला आज SIT को सौंपा जा सकता है।

लड्‌डू विवाद तब शुरू हुआ, जब CM चंद्रबाबू नायडू ने 18 सितंबर को आरोप लगाया था कि YSR कांग्रेस सरकार में तिरुपति मंदिर के लड्डू में जानवरों की चर्बी वाला वनस्पति तेल और फिश ऑयल मिलाया गया था।

लड्‌डू में तंबाकू मिलने का दावा भी गलत

लड्‌डू में तंबाकू मिलने का आरोप लगाने वाली डोंथु पद्मावती खम्मम जिले के गोल्लागुडेम की रहने वाली हैं।

लड्‌डू में तंबाकू मिलने का आरोप लगाने वाली डोंथु पद्मावती खम्मम जिले के गोल्लागुडेम की रहने वाली हैं।

तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम ने 24 सितंबर को यह भी साफ कर दिया कि लड्डू प्रसादम में तंबाकू की थैली होने की बात झूठ है। TTD के CPRO के मुताबिक तिरुमाला में लड्डू श्री वैष्णव ब्राह्मण बनाते हैं। जिसके लिए नियमों का कड़ाई से पालन किया जा रहा है। हर दिन लाखों लड्डू तैयार होते हैं। इस सिस्टम के बारे में गलत खबर फैलाना दुर्भाग्यपूर्ण है।

पांच सप्लायर में से एक का घी जांच में फेल कर्नाटक कोऑपरेटिव मिल्क फेडरेशन (KMF) पिछले 50 साल से रियायती दरों पर ट्रस्ट को घी दे रहा था। तिरुपति मंदिर में हर छह महीने में 1400 टन घी लगता है। जुलाई 2023 में कंपनी ने कम रेट में सप्लाई देने से मना कर दिया, जिसके बाद जगन सरकार (YSRCP) ने 5 फर्म को सप्लाई का काम दिया था। इनमें से एक तमिलनाडु के डिंडीगुल स्थित एआर डेयरी फूड्स भी है। इसके प्रोडक्ट में इसी साल जुलाई में गड़बड़ी मिली थी।

TDP सरकार आई, जुलाई में सैंपल की जांच, चर्बी की पुष्टि TDP सरकार ने जून 2024 में सीनियर IAS अधिकारी जे श्यामला राव को तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) का नया एग्जीक्यूटिव ऑफिसर अपॉइंट किया था। उन्होंने प्रसादम (लड्डू) की क्वॉलिटी जांच का आदेश दिया। इसके लिए एक कमेटी बनाई।

प्रसाद के टेस्ट और क्वॉलिटी को बेहतर बनाने के लिए कमेटी ने कई सुझाव दिए। साथ ही घी की जांच के लिए नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (NDDB), गुजरात में सैंपल भेजे। जुलाई में सामने आई रिपोर्ट में फैट का जिक्र था।

इसके बाद TTD ने तमिलनाडु के डिंडीगुल की एआर डेयरी फूड्स की तरफ से भेजे गए घी के स्टॉक को वापस कर दिया और ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट में डाल दिया। इसके बाद TTD ने कर्नाटक मिल्क फेडरेशन से घी खरीदना शुरू कर दिया।

पुराने सप्लायर से घी 320 रुपए प्रति किलोग्राम के रेट से खरीदा जाता था। अब तिरुपति ट्रस्ट कर्नाटक को-ऑपरेटिव मिल्क फेडरेशन (KMF) से 475 रुपए प्रति किलोग्राम के रेट से घी खरीद रहा है।

घी की शुद्धता जांचने वाली लैब NDDB CALF (आणंद, गुजरात) ने तिरुपति को घी की शुद्धता की जांच करने के लिए एक मशीन दान करने पर सहमति दी है। इसकी लागत 75 लाख रुपए है।

CM नायडू ने लैब रिपोर्ट सार्वजनिक की, विवाद बढ़ा जुलाई में सामने आई रिपोर्ट में लड्डुओं में चर्बी की पुष्टि हो गई थी। हालांकि, टीडीपी ने दो महीने बाद रिपोर्ट सार्वजनिक की। CM नायडू ने 18 सितंबर को आरोप लगाया था कि पूर्व जगन सरकार में तिरुपति मंदिर के लड्डू में इस्तेमाल होने वाले घी में जानवरों की चर्बी और फिश ऑयल मिलाया गया था। TDP ने एक लैब रिपोर्ट दिखाकर अपने आरोपों की पुष्टि का दावा भी किया।

नायडू ने कहा, जब बाजार में 500 रुपए किलो घी मिल रहा था, तब जगन सरकार ने 320 रु. किलो घी खरीदा। ऐसे में घी में सप्लायर की ओर से मिलावट होनी ही थी। जगन सरकार द्वारा कम दाम वाले घी को खरीदने की जांच हाेगी। पशु चर्बी वाले घी से बने लड्डुओं से तिरुपति मंदिर की पवित्रता पर दाग लगाया है।

तिरुपति मंदिर में महाशांति यज्ञ के बाद सभी जगहों पर पंचगव्य से शुद्धि की गई। यज्ञ के बाद ये तस्वीर देवस्थानम बोर्ड ने X पर शेयर की।

तिरुपति मंदिर में महाशांति यज्ञ के बाद सभी जगहों पर पंचगव्य से शुद्धि की गई। यज्ञ के बाद ये तस्वीर देवस्थानम बोर्ड ने X पर शेयर की।

तिरुपति मंदिर की शुद्धि के लिए महाशांति यज्ञ तिरुपति मंदिर की शुद्धि के लिए महाशांति यज्ञ किया गया। 23 सितंबर को सुबह 6 से 10 बजे तक चले पंचगव्य प्रोक्षण (शुद्धिकरण) में तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) बोर्ड के अधिकारी समेत 20 पुजारी शामिल हुए। अनुष्ठान में लड्डू और अन्नप्रसादम रसोई की शुद्धि की गई।

मंदिर के मुख्य पुजारियों में से एक कृष्ण शेषाचल दीक्षितुलु ने कहा, ‘सरकार एक प्रस्ताव लेकर आई कि मंदिर को शुद्ध करने के लिए क्या किया जाए। इसलिए हम शांति होम करने के प्रस्ताव के साथ प्रबंधन के पास गए। सुबह 6 बजे हम सभी भगवान वेंकटेश्वर का आशीर्वाद और अनुमति लेने के लिए गर्भगृह में गए। अब सब कुछ शुद्ध हो गया है, मैं सभी भक्तों से अनुरोध करता हूं कि उन्हें अब चिंता करने की जरूरत नहीं है। भगवान बालाजी के दर्शन करें और प्रसाद घर ले जाएं।”

300 साल पुराना किचन, ब्राह्मण ही बनाते हैं 3.5 लाख लड्‌डू

तिरुपति मंदिर में करीब 200 ब्राह्मण 300 साल पुराने किचन में शुद्ध देसी घी से लड्डू बनाते हैं।

तिरुपति मंदिर में करीब 200 ब्राह्मण 300 साल पुराने किचन में शुद्ध देसी घी से लड्डू बनाते हैं।

तिरुपति मंदिर दुनिया के सबसे लोकप्रिय और अमीर धर्मस्थलों में से है। यहां हर दिन करीब 70 हजार श्रद्धालु भगवान वेंकटेश्वर स्वामी के दर्शन करते हैं। इसका प्रशासन तिरुपति तिरुमाला देवस्थानम (TTD) संभालता है।

मंदिर परिसर में बनी 300 साल पुराने किचन ‘पोटू’ में शुद्ध देसी घी के रोज 3.50 लाख लड्‌डू बनते हैं। यह मंदिर का मुख्य प्रसाद है, जिसे करीब 200 ब्राह्मण बनाते हैं।

लड्‌डू में शुद्ध बेसन, बूंदी, चीनी, काजू और शुद्ध घी होता है। ट्रस्ट ने करीब एक लाख लड्‌डू जनवरी 2024 में हुई राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा के वक्त अयोध्या भेजे थे।

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