Thursday, May 1, 2025
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‘तेजस्वी यादव को समाजवाद की समझ नहीं’: भागलपुर में पीके बोले- जनता समझदार हो चुकी है, पहले किसी जानकार से ट्यूशन लीजिए – Bhagalpur News


भागलपुर में जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर जमकर निशाना साधा है। ‘जन संवाद’ कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि अब लालू यादव का राजनीतिक युग समाप्त हो चुका है। तेजस्वी यादव समाजवाद की मूल भावना को समझने में पूरी तरह अक

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मैं उनसे कई बार कह चुका हूं कि पहले आप पढ़ाई कीजिए। समाजवाद की परिभाषा जानिए। किसी जानकार से ट्यूशन लीजिए। फिर दस दिन बाद मंच पर बिना कागज के इस पर बोलिए। अगर आप ऐसा करते हैं तो मैं मान लूंगा कि आपको सही जानकारी है। जिसे समाजवाद की परिभाषा तक नहीं मालूम, वह दावा कर रहे हैं कि यह मेरा है। जनता अब समझदार हो चुकी है। दिखावे की राजनीति ज्यादा दिन तक नहीं चल सकती।

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प्रशांत किशोर का स्वागत करते हुए जन सुराज के कार्यकर्ता।

प्रशांत किशोर का स्वागत करते हुए जन सुराज के कार्यकर्ता।

प्रशांत किशोर ने बिहार की विकास यात्रा में सबसे बड़ी बाधा शिक्षा की कमी और भ्रष्टाचार को बताया है। उन्होंने कहा कि जब तक शिक्षा का व्यापक विस्तार नहीं होगा, तब तक कोई भी शहर या राज्य विकास की राह पर नहीं चल सकता। अगर जहाज डूब रहा हो तो उसमें एक कमरे को नहीं बचाया जा सकता। यही हाल बिहार का है। भ्रष्टाचार पूरे राज्य में फैला हुआ है। अब भागलपुर भी इससे अछूता नहीं है।

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जन सुराज आंदोलन बिहार की जनता के लिए एक वैकल्पिक राजनीतिक सोच प्रस्तुत कर रहा है। यह सिर्फ एक राजनीतिक अभियान नहीं, बल्कि बिहार को सही दिशा देने की एक ईमानदार कोशिश है। जब तक आम लोग राजनीति में भाग नहीं लेंगे और व्यवस्था की खामियों को नहीं समझेंगे, तब तक बदलाव संभव नहीं है।

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‘जन-संवाद’ कार्यक्रम में मौजूद लोगों से प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार की जनता अब बदलाव चाहती है। राजनीति को सिर्फ नेताओं के भरोसे न छोड़ें, बल्कि खुद आगे आकर बदलाव की पहल करें। जन सुराज का मकसद भ्रष्टाचार और बेरोजगारी का स्थायी समाधान निकालना है।

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जातिगत जनगणना कराना समस्या का समाधान नहीं है। उदाहरण के तौर पर बिहार में देखा जा सकता है। कास्ट सेंसस के बाद आंकड़े तो सामने आए, लेकिन दलित-पिछड़ों के लिए सरकार काम नहीं कर पाई। आज भी एससी वर्ग लोग मात्र 3% शिक्षित हैं। जबकि मौजूदा आंकड़ों के हिसाब से पिछड़े वर्ग को मुख्यधारा में लाने की आवश्यकता है।

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