धनबाद: गुरुवार की तेज बारिश ने प्रशासन और FCI (भारतीय खाद्य निगम) की लापरवाही को उजागर कर दिया। मौसम विभाग के पूर्व चेतावनी के बावजूद, बरमसिया स्थित रेलवे यार्ड में खुले में रखी गई चावल की हजारों बोरियां भीग गईं। प्लास्टिक कवर और समुचित भंडारण व्यवस्था के अभाव में अनाज की गुणवत्ता पर गंभीर असर पड़ा है।
स्थानीय नागरिकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह गरीबों के हक के साथ अन्याय है। सवाल उठ रहे हैं कि आखिर इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? भीगे चावल की गुणवत्ता से समझौता कर क्या यही अनाज अब जरूरतमंदों की थाली में परोसा जाएगा?
जनता की मांग है कि इस घोर लापरवाही के लिए जिम्मेदार अधिकारियों और ठेकेदारों पर कड़ी कार्रवाई हो। कई लोगों ने आरोप लगाया कि ऐसे मामलों में अक्सर अनाज की कालाबाजारी कर मलाई काटने वाले तत्व सक्रिय रहते हैं।
अब देखना होगा कि विभाग अपनी गलती स्वीकार कर कार्रवाई करता है या मामला फिर किसी फाइल में दबकर रह जाएगा।


