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पिछले सप्ताह शुरू हुई बेमौसम बारिश जारी है और सोमवार को भी भारी बारिश हुई। तेज हवा और मेघ गर्जन लेकर हुई बारिश के साथ इस बार ओलावृष्टि भी हुई है। इससे पहले 10 और 12 अप्रैल को बारिश हुई थी। बीच में 13 अप्रैल को मौसम थोड़ा ठीक हुआ लेकिन 14 अप्रैल को एक बार फिर से बेमौसम बारिश शुरू हो गई।
72 घंटे बाद एक बार फिर मौसम ने करवट ली और 6 दिनों में तीसरी बार आंधी-पानी के साथ भारी ओलावृष्टि भी हुई। अप्रैल में लगभग 40 एमएम बारिश हो चुकी है। ओलावृष्टि से गेहूं की फसल, जेठवा सब्जी की फसल और ईंट उद्योग को भारी नुकसान हुआ है। आम की फसल को भी काफी क्षति हुई है। सोमवार की सुबह से ही मौसम में नमी थी और बादल छा रहे थे दोपहर बाद काली घटाएं छा गई और मेघ गर्जन के साथ बारिश शुरू हो गई। इस दौरान तेज हवा भी आई और जबरदस्त ओलावृष्टि भी हुई। एक दो स्थानों को छोड़कर जिले में बाकी सभी जगह ओले पड़े हैं। बड़ी मात्रा में मात्रा में कच्चे आम गिर कर बर्बाद हो गए। जिले के कई हिस्सों में बिजली आपूर्ति भी बाधित हुई। बिजली कट रहने से भारी फजीहत झेलनी पड़ी। जिले के कई जगह ग्रामीण हिस्से में आपूर्ति बाधित हुई। अप्रैल माह के शुरुआत में तेज गर्मी और उच्च तापमान से लोगों के रोंगटे खड़े हो रहे थे लेकिन बीते 10 दिनों से मौसम का उतार-चढ़ाव जारी है। जिले में रोज कहीं ना कहीं हो रही हल्की बारिश के चलते बीते एक सप्ताह से तापमान 35 डिग्री से नीचे है। यह सिर्फ 1 साल की बात नहीं बल्कि पिछले 5 सालों से ऐसा हो रहा है। जिले मेंक्लाइमेट चेंज का असर दिख रहा है ।
एक सप्ताह से तापमान में लगातार गिरावट 2019 में जहां अप्रैल माह का औसत तापमान भी 35 डिग्री से ऊपर था वहीं इस बार औसत तापमान 30 डिग्री से नीचे है। अधिकतम तापमान भी 43 डिग्री तक पहुंच कर फिर वापस 32 – 34 डिग्री के आसपास आ गया। नवादा में लगातार एक सप्ताह से तापमान में गिरावट हुई। सोमवार को भी उच्चतम तापमान डिग्री सेल्सियस नीचे खिसककर 32 तक ही सीमित रहा। मौसम सदाबहार बना हुआ है। कृषि और मौसम विभाग के अनुसार अगले दो दिन और मौसम सदाबहार बने रहने की संभावना है। दो दिनों तक तापमान में विशेष बदलाव के आसार नहीं हैं। परिसंचरण के क्षेत्र से एक ट्रफ लाइन बनी है। इसके प्रभाव से उत्तर मध्य और उत्तर पूर्व के कुछ जगहों पर और उत्तर पश्चिमी भाग में एक दो जगहों पर मेघ गर्जन और बिजली चमकने के साथ आंशिक बारिश के आसार हैं। नवादा में ज्यादा बदलाव नहीं होंगे लेकिन मौसम ऐसा ही बना रहेगा।
जलवायु परिवर्तन का असर ठीक नहीं जलवायु परिवर्तन के कारण बेमौसम बारिश और तापमान के चढ़ाव उतार को मौसमी संतुलन के हिसाब से ठीक नहीं माना जाता। ऋतु परिवर्तन और इससे उत्पन्न संकट को वर्तमान समय की समस्या बताते हुए कई बड़े-बुजुर्गों ने कहा कि यह भविष्य के लिए अच्छा संकेत नहीं कहा जा सकता है। वर्षों में मौसम में लगातार और असंतुलित बदलाव देखा जा रहा है। मौसम में बदलाव के कारण ऋतुओं में भी परिवर्तन दिख रहे हैं। इस परिवर्तन का सबसे बुरा प्रभाव कृषि पर पड़ रहा है। पेड़ों के क्षय से वातावरण में आक्सीजन की कमी व कॉर्बनडाइऑक्साइड में बढ़ोत्तरी हुई है।