सुपौल के त्रिवेणीगंज अंचल कार्यालय परिसर में मंगलवार को छात्र राजद के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने अंचलाधिकारी प्रियंका सिंह पर भ्रष्टाचार, दलाली और अवैध वसूली के आरोप लगाते हुए एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी सीओ को हटाने की मांग कर रहे थे
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वहीं, सीओ प्रियंका सिंह ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया। उन्होंने कहा कि अंचल कार्यालय में कामकाज पूरी तरह पारदर्शी है और आंकड़े खुद इसकी गवाही देते हैं।
सीओ ने आंकड़ों के साथ दी सफाई
अंचल कार्यालय के अनुसार, अब तक म्यूटेशन के कुल 1600 आवेदनों में से 1112 का निष्पादन किया गया है। अतिक्रमण मामलों में 88 प्रतिशत मामलों का निपटारा हुआ है। बसेरा-2 योजना में 71 प्रतिशत निष्पादन और एलपीसी (भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र) मामलों में 100% निष्पादन हुआ है। अब तक प्राप्त 81,158 आवेदनों में से 16,294 का डिजिटल निष्पादन किया जा चुका है। केवल 1864 आवेदन लंबित हैं।
धरना की मंशा पर उठे सवाल
सीओ प्रियंका सिंह ने कहा, “जब काम रिकॉर्ड स्तर पर हो रहा है, तो धरना का कारण समझ से परे है। यह आंदोलन उन्हीं लोगों का है जिन्हें बिचौलियों के रूप में लाभ नहीं मिल रहा। मैं महिला अफसर हूं, इसलिए मुझे आसान निशाना समझा जा रहा है, लेकिन मैं किसी दबाव में झुकने वाली नहीं।”
स्थानीय लोग भी कर रहे सवाल
धरना प्रदर्शन को लेकर स्थानीय लोगों में भी चर्चा है। लोगों का कहना है कि जब किसी अफसर के नेतृत्व में निष्पादन 99 प्रतिशत तक पहुंच रहा है, तो फिर प्रदर्शन क्यों? कुछ लोगों ने कहा कि असली मकसद भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई नहीं, बल्कि एक ईमानदार अधिकारी को कुचलना है।
ऑनलाइन व्यवस्था से खत्म हुई दलाली
सीओ ने बताया कि कार्यालय की सारी प्रक्रियाएं ऑनलाइन की जा चुकी हैं। इससे बिचौलियों की भूमिका खत्म हुई है। पारदर्शी कामकाज कुछ लोगों को चुभ रहा है, इसलिए आंदोलन किया जा रहा है।