भोपाल के निशातपुरा थाने में महिला से मारपीट और धमकी देने के आरोप में प्रधान आरक्षक सुंदर सिंह राजपूत को शनिवार को डीसीपी ऑफिस अटैच कर दिया गया है। महिला शुक्रवार को पुलिस कमिश्नर ऑफिस पहुंची थी और अधिकारियों को अपने हाथ व पीठ पर आई चोटें दिखाईं।
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मामले की गंभीरता को देखते हुए डीसीपी जोन-4 जितेंद्र सिंह ने कार्रवाई करते हुए जवान को लाइन हाजिर कर दिया और जांच एसीपी निशातपुरा को सौंपी है। डीसीपी जितेंद्र सिंह ने बताया कि तीन दिन में जांच पूरी कर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं। इस बीच महिला का मेडिकल भी कराया गया है, लेकिन रिपोर्ट को गोपनीय रखा गया है। बता दें कि घटना शुक्रवार शाम की है।
महिला का आरोप- पूछताछ के बहाने थाने बुलाया, डंडे से पीटा पीड़िता का कहना है कि उसे फोन करके थाने बुलाया गया। पुलिसकर्मी सुंदर ने कहा कि उसके पति से जुड़ी पूछताछ करनी है। वह अपनी मां को लेकर निशातपुरा थाने पहुंची। महिला ने आरोप लगाते हुए कहा- मेरी मां को थाने के बाहर कर दिया गया और मुझे कम्प्यूटर कक्ष में बंद कर दिया गया। वहां एक पुलिसकर्मी नशे में था। उसने मुझे प्लास्टिक के डंडे से बहुत पीटा। मेरे हाथ और पीठ पर चोटें आई हैं।
पीटने के निशान दिखाती महिला।
महिला बोली- अब पुलिसकर्मी हमें डरा रहे हैं महिला ने आगे कहा, “पिटाई के बाद मैं पुलिस कमिश्नर ऑफिस पहुंची। वहां मुझे मेडिकल के लिए भेजा गया, लेकिन हमें कोई रिपोर्ट या दस्तावेज नहीं दिए गए। हमें घर भेज दिया गया। पुलिसकर्मी हमें डरा रहे हैं कि अगर हमने दुश्मनी ली तो हमारे पति, भाइयों और परिवार वालों पर झूठे केस लगा दिए जाएंगे।
उन्होंने मुझे जेल भेजने की धमकी भी दी। यहां तक कि छुरी दिखाकर डराया गया। बता दें कि प्रधान आरक्षक सुंदर सिंह राजपूत का नाम इससे पहले भी कई बार विवादों में आ चुका है। थाने में आम नागरिकों से उसके व्यवहार को लेकर कई बार शिकायतें हुई हैं।